सम्भल में बिजली चोरी करने वालों की खैर नहीं, SP MP Zia Ur Rehman Barq पर बिजली चोरी के आरोप में FIR, सबके घर में लगाये जा रहे स्मार्ट मीटर
हम आपको यह भी बता दें कि इस समय बिजली विभाग पूरे संभल में बिजली चोरी करने वालों पर कार्रवाई कर रहा है और लोगों के घरों में स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं और जहां जहां बिजली के खंभे नहीं हैं वहां खंभे भी लगाये जा रहे हैं और पक्के कनेक्शन दिये जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क के खिलाफ दीपा सराय इलाके में उनके आवास पर बिजली चोरी के आरोप में मामला दर्ज किया है। सांसद के खिलाफ बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 135 (बिजली की चोरी या बिजली का अनधिकृत उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया। बिजली विभाग के एक अधिकारी की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है, "विद्युत परीक्षण प्रयोगशाला से प्राप्त उपभोक्ता के मीटर की जांच करने पर यह स्पष्ट हो गया है कि मीटर से छेड़छाड़ करके बिजली चोरी की गई है।" हम आपको बता दें कि बिजली विभाग ने इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच बृहस्पतिवार सुबह सांसद बर्क के आवास पर निरीक्षण शुरू किया था। बर्क के परिजनों पर बिजली विभाग के कर्मचारियों को धमकाने का आरोप भी लगा है। इस बारे में बिजली विभाग ने खुद जानकारी दी है। पीसी लग जायेगी।
हम आपको यह भी बता दें कि इस समय बिजली विभाग पूरे संभल में बिजली चोरी करने वालों पर कार्रवाई कर रहा है और लोगों के घरों में स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं और जहां जहां बिजली के खंभे नहीं हैं वहां खंभे भी लगाये जा रहे हैं और पक्के कनेक्शन दिये जा रहे हैं। बिजली चोरी करने वालों पर कार्रवाई के दौरान कुछ लोग झड़प भी कर रहे हैं इसलिए सुरक्षा बलों की अच्छी खासी तैनाती की गयी है।
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हम आपको बता दें कि बर्क उन लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ पुलिस ने 24 नवंबर को हुई हिंसा के सिलसिले में मामला दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि शहर के कोट गर्वी इलाके में अदालत के आदेश पर मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का विरोध करने पर सुरक्षाकर्मियों के साथ हुई झड़प में चार स्थानीय लोगों की मौत हो गई थी। बर्क ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की भी मांग की है। बर्क पर 24 नवंबर को लोगों को भड़काने का आरोप है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा का कारण उनका भड़काऊ भाषण था। हालांकि रिट याचिका में सांसद ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। उनके वकील के अनुसार, वह घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे, फिर भी उन्हें प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है।
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