गुपकार के दावे सही हैं या भाजपा के ? जम्मू-कश्मीर में वास्तव में जीता कौन है?
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम 'चाय पर समीक्षा' में जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद के चुनाव परिणामों का विस्तार से विश्लेषण किया गया। आइये समझते हैं कि जम्मू-कश्मीर की जनता विकास चाहती है या फिर अनुच्छेद 370 की बहाली के मतदान किया है।
जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के पहले चुनाव में फारुक अब्दुल्ला नीत सात दलों के गुपकार गठबंधन ने सबसे ज्यादा सीटें भले दर्ज कीं लेकिन भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। चुनाव परिणामों से भाजपा के खेम में भी खुशी का माहौल है तो गुपकार गठबंधन भी अपनी पीठ थपथपा रहा है। चुनाव परिणाम के बाद नेशनल कांफ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर के लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे 5 अगस्त 2019 के फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे। उधर भाजपा ने कहा है कि 75 सीटों और 38.74% वोट शेयर के साथ पार्टी जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनी है। केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. जितेंद्र सिंह का भी कहना है कि राज्य में पार्टी का आधार मजबूत हुआ है और लोकतंत्र की जीत हुई है।
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दूसरी ओर, डीडीसी चुनावों में गुपकार गठबंधन के सबसे ज्यादा सीटें जीतने में सफल रहने के बाद से उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के हौसले बुलंद हैं और वह भाजपा को सीधी चेतावनी दे रहे हैं। महबूबा ने तो यहां तक कह दिया है कि यदि भाजपा को मुकाबला करना है तो हमसे राजनीतिक तरीके से लड़ाई लड़े ना कि एनआईए या सीबीआई के जरिये लड़ाई लड़े। उमर अब्दुल्ला ने भी भाजपा का नाम लिये बिना कहा है कि करिये अपनी साजिशें हम आपका मुकाबला करते रहेंगे।
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प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम 'चाय पर समीक्षा' में जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद के चुनाव परिणामों का विस्तार से विश्लेषण किया गया। आइये समझते हैं कि क्या वास्तव में जम्मू-कश्मीर की जनता ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए वोट दिया है या फिर जम्मू-कश्मीर की जनता विकास चाहती है और उसी के लिए मतदान भी किया है।
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