Kaiserganj Lok Sabha सीट पर Brij Bhushan Singh का दबदबा था, दबदबा है और दबदबा रहेगा
हम आपको बता दें कि कैसरगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 20 मई को पांचवें चरण में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। समाजवादी पार्टी ने कैसरगंज से भगत राम मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है जोकि श्रावस्ती के पूर्व भाजपा सांसद दद्दन मिश्रा के बड़े भाई हैं। भगत राम मिश्रा कांग्रेस में भी रह चुके हैं।
उत्तर प्रदेश का कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र इस बार काफी चर्चा में है क्योंकि यहां से भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद बृज भूषण शरण सिंह का टिकट काट कर उनके बेटे करण भूषण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। कुश्ती खिलाड़ियों के साथ विवाद के चलते कुछ नए मुकदमों का सामना कर रहे बृज भूषण सिंह का टिकट काटना भाजपा के लिए आसान नहीं रहा और उनकी संभावित बगावत के चलते हुए ही नामांकन की अंतिम तिथि से पहले उनके बेटे के नाम का ऐलान किया गया। खास बात यह रही कि समाजवादी पार्टी और बसपा ने भी इस सीट पर अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करने में जानबूझकर देरी की। दरअसल यह दोनों पार्टियां इस ताक में थीं कि यदि टिकट नहीं मिलने पर बृजभूषण भाजपा से बगावत करते हैं तो उन्हें अपनी पार्टी से उम्मीदवार बना दिया जाये।
प्रभासाक्षी की चुनाव यात्रा कैसरगंज पहुँचने पर हमने कई इलाकों में जाकर तमाम वर्गों के लोगों से बातचीत की। इस बातचीत के दौरान जब अधिकतर लोगों ने अपनी बात का समापन यह कह कर किया कि 'बृज भूषण भैय्या का दबदबा था, दबदबा है और दबदबा रहेगा' तब हमें कुछ ही घंटों में समझ आ गया कि यहां किसी अन्य दल की दाल नहीं गलने वाली है। लोगों की प्रतिक्रियाएं सुनकर यह भी समझ आ गया कि क्यों भाजपा बृज भूषण सिंह के खिलाफ बोलने या उन पर कोई कार्रवाई करने से कतराती रही। दरअसल दिल्ली में बृज भूषण शरण सिंह की कोई भी छवि गढ़ने का प्रयास किया गया हो लेकिन स्थानीय तौर पर जनता उन्हें बड़े आदर से देखती है क्योंकि यहां के लोगों के मुताबिक वह हमेशा जनता के संपर्क में रहते हैं और अधिकतर लोगों को उनके नाम से बुलाते हैं। यहां के लोगों ने हमसे बातचीत में कहा कि वह सुख में भले किसी के यहां नहीं आ पायें लेकिन दुख में साथ जरूर खड़े होते हैं। लोगों ने कहा कि यहां हर घर बृज भूषण सिंह के साथ है और जनता को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके बारे में कोई क्या कह रहा है। लोगों ने कहा कि बृज भूषण के घर कभी भी जाओ, वह खुद और उनका पूरा परिवार सभी का सम्मान करता है। उनके घर यह नहीं देखा जाता कि कोई किस वर्ग या धर्म का है। लोगों ने कहा कि बृज भूषण के यहां से किसी को कभी खाली हाथ नहीं लौटना पड़ता और यही बात उन्हें सबसे अलग बनाती है। बृज भूषण के साथ चल रहे लोगों से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि यहां हर कोई बिना पैसे के प्रचार में लगा हुआ है। लोगों ने कहा कि इस तपती धूप में अगर लोग समय निकाल कर बृज भूषण के बेटे के लिए प्रचार कर रहे हैं तो इसका कारण यह है कि वह हम सबके दिलों पर राज करते हैं।
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बृज भूषण के बेटे करण का जबसे नाम घोषित हुआ है तबसे तो युवाओं में जोश देखते ही बनता है। युवाओं का कहना है कि वह हमारे बीच से ही हैं और बेहद सादगी के साथ रहते हैं और सबका बहुत ख्याल रखते हैं। युवाओं ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई मुद्दा है लेकिन हमें यह भी देखना है कि यहां की समस्याओं का निराकरण कौन कर सकता है। युवाओं ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि बृज भूषण के कदम पर चलते हुए करण भूषण सिंह भी क्षेत्र का विकास करेंगे।
जब हमने बृज भूषण शरण सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि मेरा संसदीय क्षेत्र ग्रामीण इलाका है इसलिए यहां सबसे ज्यादा जरूरी चीज सड़कों का निर्माण है क्योंकि सड़क संपर्क होने से ही विकास होता है और खुशहाली आती है। उन्होंने कहा कि हमने अपने क्षेत्र में सड़कों का निर्माण करवाया और केंद्र तथा राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ अपने क्षेत्र के लोगों को दिलवाया इसीलिए हर वर्ग के लोग हमारे साथ खड़े रहते हैं। उन्होने कहा कि जनता ने छह बार मुझे और एक बार मेरी पत्नी को संसदीय चुनाव में ऐसे ही जीत नहीं दिलवाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके बेटे भी भारी मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे।
हम आपको बता दें कि कैसरगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 20 मई को पांचवें चरण में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। समाजवादी पार्टी ने कैसरगंज से भगत राम मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है जोकि श्रावस्ती के पूर्व भाजपा सांसद दद्दन मिश्रा के बड़े भाई हैं। भगत राम मिश्रा कांग्रेस में भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी श्रावस्ती में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने नरेंद्र पांडे को अपना उम्मीदवार बनाया है। हम आपको बता दें कि सवर्ण बाहुल्य कैसरगंज में ब्राह्मण मतदाताओं का बाहुल्य है उसके बाद राजपूत मतदाता आते हैं। इस क्षेत्र में 18 फीसदी दलित और 25 फीसदी मुस्लिम भी हैं। सपा और बसपा ने ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने के लिए उनके बीच से उम्मीदवार दिया है लेकिन हमने यहां पाया कि कोई भी जातिगत समीकरण बृज भूषण सिंह के राजनीतिक समीकरण बिगाड़ नहीं पायेगा।
- नीरज कुमार दुबे
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