नंगे पैरों से प्रैक्टिस शुरु करने वाले उत्तराखंड के लाल Suraj Panwar पेरिस में दमखम दिखाने को तैयार

Suraj Panwar
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Anoop Prajapati । Jun 28 2024 5:45PM

युवा एथलेटिक्स सूरज पंवार ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। अब सूरज जुलाई में पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। आज सूरज विश्वस्तरीय एथलीट के तौर पर जाने जाते हैं, लेकिन दून के एक छोटे से गांव से निकल कर विश्वस्तर पर अपनी पहचान बनाना उनके लिए आसान नहीं था।

उत्तराखंड के उभरते सितारे और युवा एथलेटिक्स सूरज पंवार ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। अब सूरज जुलाई में पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। आज सूरज विश्वस्तरीय एथलीट के तौर पर जाने जाते हैं, लेकिन दून के एक छोटे से गांव से निकल कर विश्वस्तर पर अपनी पहचान बनाना उनके लिए आसान नहीं था। अक्टूबर 2018 में सूरज ने यूथ ओलंपिक में रजत पदक जीता था। वो यूथ ओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं। सूरज बचपन से ही एथलीट बनना चाहते थे, उन्होंने रेस की प्रैक्टिस शुरू की और धीरे-धीरे ये उनका जुनून बन गया।

वॉकरेस अंडर-18 सूरज पंवार ने 2017 थाईलैंड में आयोजित एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया। 2018 में चैंपियनशिप में इसी जगह दूसरा स्थान प्राप्त किया। फिर 2018 ही अर्जेंटीना यूथ ओलंपिक गेम्स में पुन: दूसरा स्थान प्राप्त किया। 2022 में मस्कट ओमान व स्पेन में सीनियर विश्व एथलेटिक टीम चैंपियनशिप व विश्व ग्रैंड प्रिक्स में हिस्सा लिया। सूरज रोजाना सुबह व शाम अपने कोच अनुप बिष्ट के निर्देशन में महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कालेज स्थित एक्सीलेंस विंग में अभ्यास कर रहें हैं। सूरज का कहना है कि बड़े टूर्नामेंट के लिए तैयारियों भी बड़ी करनी होती है, इसी तैयारी में जुटा हुआ हूं। 

2018 में पंवार को ब्यूनस आयर्स में युवा ओलंपिक में भाग लेने वाली भारतीय टीम के लिए चुना गया था, जहाँ उन्होंने 5 किमी रेस वॉक इवेंट में रजत पदक जीता। इससे उन्हें अतिरिक्त प्रायोजक मिले और अंततः भारतीय नौसेना में नौकरी मिल गई। उन्होंने अहमदाबाद में 2022 के राष्ट्रीय खेलों में रजत पदक जीता और ओलंपिक कट से चूकने के बावजूद, उन्हें देश के शीर्ष पैदल खिलाड़ियों में से एक माना गया। वे कहते हैं, "हालांकि मैं बहुत निराश था, लेकिन मेरी कोच तातियाना मैम (राष्ट्रीय कोच तातियाना सिबिलेवा) ने मुझसे कहा कि ओलंपिक मानक को पूरा करने में बस कुछ ही समय लगेगा। उन्हें पूरा भरोसा था कि मैं ऐसा कर पाऊंगा।" 

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