देश की जनता ने नकारा तो वाम दल को चीन का सहारा, कहा- पड़ोसी देशों के साथ रखता है रिश्ते दोस्ताना, सबक ले जमाना
येचुरी ने कहा कि दुनिया को चीन से सबक लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने चीन की विदेश नीति को शांति को बढ़ावा देने वाली बताया। येचुरी ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ चीन के रिश्ते दोस्ताना है और अमेरिका चीन को रोकने की कोशिश कर रहा है।
हिन्दी की एक मशहूर कहावत है मजबूरी का नाम महात्मा गांधी, लेकिन वर्तमान परिपेक्ष में अगर मजबूरी का नाम कम्युनिस्ट पार्टी कहे तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। डलती शाम की तरह धीरे-धीरे देश के हर हिस्से से अस्त होते वाम को अब चीन में ही रब दिखने लगा है। कोरोना वायरस कहां से आया, कब आया और कैसे आया? इन सवालों का जब भी जिक्र आता है तो नजर चीन पर जा टिकती है। कोरोना को लेकर चीन से जुड़े कई खुलासे विभिन्न रिपोर्टों के माध्यम से सामने आते रहते हैं। लेकिन सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने चीन की शान में कसीदे पढ़ डाले। येचुरी ने कहा कि चीन से कोरोना से निपटने में अच्छा काम किया। पड़ोसी देशों के साथ चीन के रिश्ते अच्छे हैं। दरअसल, सीसीपी के 100 साल पूरे होने पर सीपीएम महासचिव ने एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने लिखा कि चीन ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अच्छा काम किया है।
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टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार येचुरी ने कहा कि दुनिया को चीन से सबक लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने चीन की विदेश नीति को शांति को बढ़ावा देने वाली बताया। येचुरी ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ चीन के रिश्ते दोस्ताना है और अमेरिका चीन को रोकने की कोशिश कर रहा है। ज्ञात हो कि न की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरा होने पर भारत सरकार, प्रधानमंत्री किसी ने भी बधाई संदेश नहीं भेजा। लेकिन सीताराम येचुरी ने दोस्ती वाला पत्र लिखते हुए चीन की शान में कसीदे पढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
चीन के प्रति झुकाव, जन भावनाओं से अलग सोच
वैसे वाम दलों का चीन के प्रति झुकाव दशकों पुराना है। 1962 का भारत-चीन युद्ध को सभी को बखूबी याद होगा। जब देश पहली बार इनके असली चेहरे से रूबरू हुआ था। 1962 में चीन से जंग के वक्त. उस वक्त भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने राजधानी के बारा टूटी इलाके में चीन के समर्थन में एक सभा तक आयोजित कर दी थी। हालांकि वहां पर मौजूद लोगों ने तब आयोजकों की पिटाई कर दी थी। लगातार भारते के नक्शे से गायब होते वाम दल पर अपना अस्तित्व बचाने की चुनौती बनी हुई है और इसके पीछे की वजह है इन दलों का नेतृत्व पिछले पचास दशकों से जन भावनाओं से पूरी तरह से हटकर सोच तो रहा है। याद दिला दें कि केन्द्र सरकार ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया और वहां आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया। जवाब में ये वाम दल मांग करते रहे कि भारत सरकार सर्जिकल स्ट्राइक के प्रमाण प्रस्तुत करे। आज चीन को सबसे अच्छा पड़ोसी बताने वाले येचुरी को गलवान में जो हमारे जवान शहीद हुए हैं कभी उनके पास भी जाकर पूछना चाहिए।
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