Manipur Tensions | मणिपुर में फिर एक मेइती व्यक्ति के लापता, इंफाल घाटी के सीमांत क्षेत्रों में तनाव

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ANI
रेनू तिवारी । Nov 26 2024 6:50PM

मणिपुर में मेइती समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 55 वर्षीय एक व्यक्ति के 24 घंटे से अधिक समय तक लापता रहने के कारण कांगपोकपी की सीमा से सटे इंफाल पश्चिम जिले के कुछ हिस्सों में मंगलवार को तनाव का माहौल रहा।

इंफाल। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सोमवार को 55 वर्षीय मेतेई व्यक्ति के लापता होने के बाद इंफाल पश्चिम में तनाव बढ़ गया। इम्फाल पश्चिम के लोइतांग खुनौ से लैशराम कमलबाबू सिंह नामक व्यक्ति सोमवार (26 नवंबर) दोपहर को कांगपोकपी में लेइमाखोंग आर्मी कैंप में काम के लिए गया था और तब से लापता है। उसके परिवार के सदस्यों ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब 2 बजे उसका फोन बंद हो गया था।

मणिपुर में फिर एक मेइती व्यक्ति के लापता

मणिपुर में मेइती समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 55 वर्षीय एक व्यक्ति के 24 घंटे से अधिक समय तक लापता रहने के कारण कांगपोकपी की सीमा से सटे इंफाल पश्चिम जिले के कुछ हिस्सों में मंगलवार को तनाव का माहौल रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंफाल पश्चिम के लोइतांग खुनौ गांव के रहने वाले लैशराम कमलबाबू सिंह सोमवार दोपहर को कांगपोकपी के लेइमाखोंग सैन्य शिविर में काम पर जाने के लिए घर से निकले थे और वह तब से लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि लापता सिंह का मोबाइल फोन बंद है।

पुलिस और सेना ने संयुक्त रूप से खोज अभियान शुरू कर दिया 

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “पुलिस और सेना ने संयुक्त रूप से खोज अभियान शुरू कर दिया है।” लापता व्यक्ति के परिवार के अनुसार, सिंह लीमाखोंग सैन्य शिविर में छोटे-मोटे काम करते थे। यह इलाका कुकी बहुल इलाके से घिरा हुआ है। लीमाखोंग के पास रहने वाले मेइती समुदाय के लोग जातीय हिंसा की शुरुआत के बाद से ही इलाके छोड़कर भाग गए हैं। पिछले वर्ष मई से अब तक जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोगों की मौत हुई है। पुलिस ने इस बीच बताया कि सिंह के गांव से बड़ी संख्या में लोग लीमाखोंग के रास्ते पर उनकी तलाश के लिए निकले थे लेकिन सुरक्षा बलों ने स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए कांटो सबल के पास उन्हें रोक दिया।

 भीड़ ने पत्थरों से सड़क को अवरुद्ध कर दिया

पुलिस के मुताबिक, रोके जाने के बाद भीड़ ने पत्थरों से सड़क को अवरुद्ध कर दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “लीमाखोंग की सड़क पर बिना अनुमति के नागरिकों की आवाजाही को रोकने के लिए अवरोधक लगाये गये हैं।” समय के साथ लोगों की भीड़ बढ़ती गई और मीरा पैबी के कार्यकर्ताओं के साथ सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गए। उन्होंने दावा किया कि उग्रवादियों द्वारा सिंह का अपहरण किए जाने की आशंका है।

उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि उन्हें सुरक्षित बचाने के लिए अतिरिक्त बलों को भेजा जाए। मीरा पैबी के कार्यकर्ता खैदेम इबेतोन ने कहा, ‘‘जब तक वह मिल नहीं जाते और उन्हें हमारे सुपुर्द नहीं कर दिया जाता, हम यहां इंतजार करेंगे। हम चाहते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान दे और लापता व्यक्ति की तलाश के लिए अतिरिक्त बल भेजे।

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