पुलिस की छवि व सद्भाव बिगाड़ने के लिए गोहत्या कराने वाले VHP नेता समेत चार गिरफ्तार

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने कहा, क्षेत्र में तनाव पैदा करने और छजलेट थाने के प्रभारी निरीक्षक को निशाना बनाने के लिए घटनाओं की योजना बनाई गई और उन्हें अंजाम दिया गया। एसएसपी ने बताया कि 16 जनवरी को मोनू बिश्नोई ने खुद ही पुलिस को फोन करके गोमांस के अवशेष होने की सूचना दी जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की छजलैट थाने की पुलिस ने गोहत्या से जुड़े दो हालिया मामलों में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) एवं बजरंग दल के जिला प्रमुख मोनू विश्नोई समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है जिसने पुलिस की छवि प्रभावित करने और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के इरादे से यह घटना की। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने 16 जनवरी को छजलैट थाने के छत्रपुर में एक गाय के अवशेष फेंक दिए थे। पुलिस ने बताया कि विश्नोई एवं अन्य ने एक गाय चुरा ली और उसे वन क्षेत्र में मार डाला। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हेमराज मीणा ने कहा, क्षेत्र में तनाव पैदा करने और छजलेट थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) को निशाना बनाने के लिए घटनाओं की योजना बनाई गई और उन्हें अंजाम दिया गया। एसएसपी ने बताया कि 16 जनवरी को मोनू बिश्नोई ने खुद ही पुलिस को फोन करके गोमांस के अवशेष होने की सूचना दी जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। आरोपी ने अवशेष के पास कुछ कपड़े भी रखे थे, जिसमें से एक स्थानीय व्यक्ति मकसूद की तस्वीर और उसका फोन नंबर भी रखा था। 

उन्होंने बताया कि इसका मकसद सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के साथ ही पुलिस की छवि भी खराब करना था। उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने मकसूद को पूछताछ के लिए बुलाया तो उससे मिली जानकारी के आधार पर शहाबुद्दीन को पुलिस ने पकड़ा। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद जब पुलिस 28 जनवरी को मामले की जांच कर रही थी, तब एक बार फिर मोनू विश्नोई ने पुलिस को जंगल में गोहत्या की सूचना दी और एक वीडियो भी अपलोड किया जिसमें मारी गई गाय का शव दिखाया गया था। मीणा ने कहा, पुलिस ने सबसे पहले शहाबुद्दीन को गोहत्या के मामले में गिरफ्तार किया और पूछताछ करने पर उसने हमें बताया कि मोनू विश्नोई ने ही उसे 16 जनवरी को एक गाय के शव ठिकाने लगाने और फिर 28 जनवरी को एक और गाय चुराकर उसको मारने के लिए पैसे दिए थे। 

एसएसपी ने कहा कि पुलिस ने मामले में मोनू बिश्नोई, शहाबुद्दीन के अलावा मोनू विश्नोई के मददगार रमन चौधरी और राजीव चौधरी को भी गिरफ्तार किया है। छजलैट थाना के एसएचओ सत्येन्द्र शर्मा ने बताया कि मोनू विश्नोई इलाके में तनाव पैदा करना चाहता था और उसका स्थानीय पुलिस के साथ झगड़ा भी हुआ था। उसने इलाके में तनाव पैदा करने और पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए ये हरकतें कीं। 

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पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ दिनों पहले छजलैट थाना के एसएचओ ने शामली से लखनऊ जा रहे 32 पशु पकड़े थे। तब मोनू विश्नोई व उसके साथियों ने एसएचओ पर दबाव बनाया था कि वह पशुओं को उसके परिचितों को दे दें, लेकिन एसएचओ ने ऐसा नहीं किया तो इसी बात को लेकर तनातनी बढ़ गयी थी। इसके बाद से ही मोनू ने एसएचओ को हटवाने के लिए साजिश रचनी शुरू कर दी थी। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों को विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद बुधवार को जेल भेज दिया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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