'उनके मन में संविधान के प्रति घोर अवमानना', जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हुए हंगामे पर बोले सुधांशु त्रिवेदी

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि वक्फ बिल संवैधानिक रूप से स्थापित प्रक्रिया के तहत पारित किया गया है। लेकिन, कुछ राज्य सरकारें हैं जो इसका विरोध कर रही हैं, चाहे वो तमिलनाडु सरकार हो या जम्मू-कश्मीर सरकार।
वक्फ कानून को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हुए हंगामे पर बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने बड़ा बयान दिया है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि वक्फ बिल संवैधानिक रूप से स्थापित प्रक्रिया के तहत पारित किया गया है। लेकिन, कुछ राज्य सरकारें हैं जो इसका विरोध कर रही हैं, चाहे वो तमिलनाडु सरकार हो या जम्मू-कश्मीर सरकार। इससे साफ पता चलता है कि उनके मन में संविधान के प्रति घोर अवमानना है। क्योंकि संविधान के अनुसार कोई भी राज्य सरकार भारत की संसद द्वारा पारित किसी भी कानून का विरोध नहीं कर सकती है। और जिस तरह के दृश्य जम्मू-कश्मीर विधानसभा में देखने को मिले हैं, अगर वो इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि ये वो लोग हैं जिनके हाथों में संविधान खतरे में है।
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भाजपा विधायक शगुन परिहार ने कहा कि यह विधेयक (संसद में) पारित हो चुका है और चूंकि यह जम्मू-कश्मीर विधानसभा से संबंधित मुद्दा नहीं है, इसलिए इस पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। तो, वे (नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस विधायक) काले झंडे क्यों दिखा रहे हैं, वॉकआउट कर रहे हैं और कागज क्यों फाड़ रहे हैं? उन्होंने कहा कि हम यहां जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, पर्यटन को प्रोत्साहित करने, उद्योग लाने, नए होटल खोलने और यहां रोजगार पैदा करने के लिए काम करना चाहते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का गैर-गंभीर रवैया देखें, जो इन मुद्दों पर बोलना नहीं चाहते हैं।
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर द्वारा वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने संबंधी प्रस्ताव को नामंजूर किए जाने पर सोमवार को भारी हंगामा हुआ जिसके चलते कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र के दौरान पहली बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई है। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, नेशनल कांफ्रेंस के नज़ीर ग़ुरेज़ी और तनवीर सादिक के नेतृत्व में पार्टी के सदस्यों ने वक्फ कानून पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया। इस विषय पर नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों सहित कुल नौ सदस्यों ने अध्यक्ष को कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था।
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