Ayodhya में कड़ाके की ठंड के बीच भी लगा भक्तों का तांता, रामलला की पोशाक डिजाइन करने वाले मनीष त्रिपाठी ने किया बड़ा खुलासा
मनीष त्रिपाठी ने कहा, ‘‘सबसे बड़ी चुनौती ऐसा कपड़ा तैयार करना था जो बाल स्वरूप और भगवान की भव्यता के अनुरूप हो। मैंने भगवान से मुझे रास्ता दिखाने के लिए प्रार्थना की और उन्होंने मुझे उसके लिए संकेत दिखाए और ज्ञान दिया ताकि मैं ऐसा कपड़ा तैयार कर सकूं।’’
अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की पोशाक को डिजाइन करने वाले मनीष त्रिपाठी ने कहा है कि भगवान राम के साथ दिव्य संबंध ने उन्हें इस कार्य को पूरा करने में मदद की। मनीष त्रिपाठी ने कहा, ‘‘हमने काशी (वाराणसी) में भगवान के लिए पीतांबरी (पीला) कपड़ा तैयार कराया। इसकी खास बात यह है कि इसे तैयार करने में रेशम के साथ-साथ सोने और चांदी के तार का भी इस्तेमाल किया गया है।’’ उन्होंने पोशाक तैयार करने में इस्तेमाल की गई सामग्री और डिजाइन के बारे में कहा, ‘‘हमने पोशाक पर जो कढ़ाई की है, उसमें वैष्णव प्रतीक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सबसे बड़ी चुनौती ऐसा कपड़ा तैयार करना था जो बाल स्वरूप और भगवान की भव्यता के अनुरूप हो। मैंने भगवान से मुझे रास्ता दिखाने के लिए प्रार्थना की और उन्होंने मुझे उसके लिए संकेत दिखाए और ज्ञान दिया ताकि मैं ऐसा कपड़ा तैयार कर सकूं।’’ लखनऊ में जन्मे और पले-बढ़े युवा डिजाइनर ने कहा कि 500 से अधिक वर्षों से इस आंदोलन का इंतजार कर रहे भक्तों की कल्पना और उम्मीदों पर खरा उतरना भी एक चुनौती थी। त्रिपाठी ने कहा, ‘‘पोशाक को लेकर सभी से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।" उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मेरी मां और मेरी पत्नी से सबसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली, जिन्होंने अपने चेहरे पर मुस्कान और आंखों में आंसू के साथ पोशाक की सराहना की।''
इसके अलावा, अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की शोभा बढ़ा रही रामलला की मूर्ति को बनाने वाले अरुण योगीराज का बुधवार को बेंगलुरु पहुंचने पर शानदार स्वागत हुआ। हम आपको बता दें कि योगीराज की मूर्ति उन तीन मूर्तियों में से एक थी जिसे अयोध्या मंदिर न्यास द्वारा चुना गया। मूर्तिकार के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के साथ ही बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता माला लेकर उनका स्वागत करने के लिए उमड़ पड़े। उन्होंने 'जय श्री राम' और 'योगीराज जिंदाबाद' के नारों के बीच उन पर पुष्प वर्षा की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि मूर्तिकार ने भगवान राम की मूर्ति बनाकर राज्य और अपने शहर मैसूर को गौरवान्वित किया है। हवाई अड्डे पर मौजूद योगीराज की पत्नी विजेता ने कहा कि वह बेहद खुश हैं कि उनके पति ने एक इतिहास रचा है।
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हम आपको यह भी बता दें कि अयोध्या के मंदिर में राललला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहले दिन मंगलवार को भक्तों द्वारा 3.17 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ाया गया। मंदिर के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन 10 दान काउंटर खोले गए थे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद भक्तों ने दान काउंटर और ऑनलाइन दान के रूप में 3.17 करोड़ रुपये का दान दिया। अनिल मिश्रा ने बताया कि 23 जनवरी को पांच लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए। एक बयान में, जिलाधिकारी नितीश कुमार ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दूसरे दिन बुधवार को रात 10 बजे तक 2.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए। अनिल मिश्रा ने कहा कि बुधवार को प्राप्त राशि का खुलासा गिनती के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दर्शन व्यवस्थित ढंग से हो इसके लिए प्रशासन से चर्चा कर व्यवस्था की जा रही है। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने अयोध्या के आसपास के संघ कार्यकर्ताओं को मंदिर की सफाई की जिम्मेदारी स्वीकार करने और सुव्यवस्थित तरीके से मंदिर दर्शन के संचालन में सहयोग करने का निर्देश दिया है।
हम आपको यह भी बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आम लोगों के लिए खोले गए अयोध्या के मंदिर में तीसरे दिन गुरुवार को भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। रामपथ और मंदिर परिसर के आसपास सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतार देखने को मिली। कड़ाके की ठंड, कोहरे और शीतलहर के बीच लोग मंदिर के बाहर लाइन में खड़े नजर आए। श्रद्धालु ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते दिखे।
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