राज्य को अपना एकेडमिक कैलेंडर, गर्मी की छुट्टियां तय करने की छूट
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से संचालित दीक्षा पोर्टल, स्वयं प्रभा चैनल, स्वयं पोर्टल, ई-पाठशाला तथा अन्य कंटेंट माध्यमों का प्रयोग करते हुए बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस सभी कार्यक्रम के लिए विद्यालय की ओर से नियमित समय सारणी बनाई गई है। इसमें विषय अध्यापक अपने समय पर उपलब्ध रहते हैं, बच्चों के साथ शिक्षण कार्य करते हैं।
कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप से जूझ रहे देश में रोकथाम के लिए लगाये गये लॉकडाउन से विश्वविद्यालयों से लेकर स्कूलों तक के शैक्षणिक कार्य प्रभावित होने के साथ ही स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों को लेकर भी असमंजस की स्थिति बन गई है। देशभर के सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों पर भी पिछले कई दिनों से लॉक लगा हुआ है। इसकी वजह से करोड़ों स्टूडेंट्स की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। हालांकि स्टूडेंट्स को ऑनलाइन पढ़या जा रहा है, लेकिन इंटरनेट की समस्या जैसी कई मुश्किलें इसमें बाधक बन रही है।
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से संचालित दीक्षा पोर्टल, स्वयं प्रभा चैनल, स्वयं पोर्टल, ई-पाठशाला तथा अन्य कंटेंट माध्यमों का प्रयोग करते हुए बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस सभी कार्यक्रम के लिए विद्यालय की ओर से नियमित समय सारणी बनाई गई है। इसमें विषय अध्यापक अपने समय पर उपलब्ध रहते हैं, बच्चों के साथ शिक्षण कार्य करते हैं। लॉकडाउन के एक हफ्ते के भीतर, इसमें दो गुना वृद्धि हुई। इस पर 8 करोड़ से भी ज्यादा पेज व्यू किया गया जबकि 23 मार्च तक दीक्षा पोर्टल के कंटेट 57 लाख बार डाउलोड किए गए।
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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एक समाचार पत्र को दिये इंटरव्यू में इसी बात को दोहराते हुए कहा कि सरकार द्वारा ऐसे सभी संभव कदम उठाये जाएंगे ताकि शैक्षणिक कार्यों में किसी भी प्रकार नुकसान कम से कम हो। अगर राज्यों की बात करें तो पंजाब राज्य सरकार ने गर्मी की छुट्टियों को पूर्व निर्धारित अवधि से पहले ही लागू घोषित करते हुए इसकी अवधि 11 अप्रैल से 10 मई 2020 निर्धारित की है। राजस्थान और मुंबई विश्वविद्यालय ने भी गर्मी की छुट्टियों की घोषणी की है।
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मंत्रालय ने ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारी योजनाएं शुरू की हैं और इन सभी पहल को काफी सराहा भी जा रहा है। ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को और बढ़ावा देने के लिए अभी हाल ही में ‘भारत पढ़े ऑनलाइन’ अभियान शुरू किया था जहां हमने छात्र-छात्राओं से, अभिभावकों से एवं अध्यापकों से ऑनलाइन शिक्षा पर सुझाव मांगे थे। काफी सारे लोगों ने इस पर अपने सुझाव दर्ज करवाए हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का बनाया गया एक वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया है। इस कैलेंडर से छात्रों को भी निरंतर शिक्षा उपलब्ध करवाया जा सकता है जिनके पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावाऑनलाइन शिक्षा के लिए टास्क फोर्स भी बनाई है जो कि इस समस्या की विस्तृत जांच करेगी और समस्या का समाधान करने की कोशिश की जाएगी।
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