Lockdown के 21वें दिन देशभर में 19 दिन का और संपूर्ण लॉकडाउन
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित होकर जान गंवाने वाले लोगों की संख्या मंगलवार को 353 हो गई है जबकि इससे संक्रमित लोगों की कुल संख्या 10,363 है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सोमवार शाम से अब तक मरने वालों की संख्या में 29 का इजाफा हुआ है।
पहले दौर के 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 के मरीजों में करीब 10,000 का उछाल देखने को मिला जबकि 320 की मौत हुई। वहीं, लॉकडाउन की सफलता को लेकर बहस के बीच चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर देश में इतने बडे़ स्तर पर लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता तो हालात इससे कहीं ज्यादा बदतर हो सकते थे। कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन को 19 दिन का विस्तार देते हुए इसे तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से 31 लोगों की मौत हो गई जबकि संक्रमण के 1,211 नए मामले सामने आए।
उद्धव का आश्वासन
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को एक बार फिर आश्वस्त किया कि लॉकडाउन कोई ‘‘लॉक-अप’’ नहीं है। अपने गृह क्षेत्र जाने की उम्मीद में बांद्रा में इकट्ठा हुए दिहाड़ी मजदूरों से उन्होंने वापस लौटकर कोरोना वायरस की ‘‘चुनौती’’ का सामना करने की अपील की। देशव्यापी लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाए जाने के बावजूद अपने-अपने गृह नगर जाने की आस में यहां बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास सैकड़ों प्रवासी कामगारों के इकट्ठा होने के बाद उन्होंने वेबकास्ट के जरिए संबोधित किया। प्रवासियों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कुछ देर तक हिंदी में भी संबोधित किया। ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस पर काम कर रही है कि लॉकडाउन कैसे खत्म किया जाए और औद्योगिक गतिविधियां बहाल हो। उन्होंने माना कि मुंबई और पुणे में संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की सबसे अधिक जांच हुई है। उन्होंने केंद्र से प्रायोगिक तौर पर प्लाज्मा उपचार की अनुमति देने का भी अनुरोध किया।
गृह मंत्री शाह ने मुख्यमंत्री से बात की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की और मुंबई के बांद्रा इलाके में लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में लोगों के जुटने पर चिंता जाहिर की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी घटनाएं कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी भारत की लड़ाई को कमजोर करती हैं और इन्हें रोकने के लिये प्रशासन को सजग रहने की जरूरत है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “गृह मंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात की और मुंबई के बांद्रा इलाके में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने पर चिंता जाहिर की।” अधिकारी ने कहा कि शाह ने स्थिति से निपटने के लिये महाराष्ट्र सरकार को अपने पूर्ण समर्थन की पेशकश की।
मुंबई में प्रवासी मजदूर सड़क पर आये
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा करने के कुछ ही घंटे बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर मंगलवार को सड़क पर आ गए और मांग की कि उन्हें उनके मूल स्थानों को जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाए। ये सभी प्रवासी मजदूर दिहाड़ी मजदूर हैं। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पिछले महीने लॉकडाउन लागू होने के बाद से दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। इससे उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि अधिकारियों और गैर-सरकारी संगठनों ने उनके भोजन की व्यवस्था की है, लेकिन उनमें से अधिकतर पाबंदियों के चलते हो रही दिक्कतों के चलते अपने मूल स्थानों को वापस जाना चाहते हैं। दिहाड़ी मजदूर पास के पटेल नगरी इलाके में झुग्गी बस्तियों में किराए पर रहते हैं, वे परिवहन सुविधा की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं ताकि वे अपने मूल नगरों और गांवों को वापस जा सकें। वे मूल रूप से पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के रहने वाले हैं। एक मजदूर ने अपना नाम बताये बिना कहा कि एनजीओ और स्थानीय निवासी प्रवासी मजदूरों को भोजन मुहैया करा रहे हैं लेकिन वे लॉकडाउन के दौरान अपने मूल राज्यों को वापस जाना चाहते हैं क्योंकि बंद से उनकी आजीविका बुरी तरह से प्रभावित हुई है। उसने कहा, ‘‘अब, हम भोजन नहीं चाहते हैं, हम अपने मूल स्थान वापस जाना चाहते हैं, हम (लॉकडाउन बढ़ाने की) घोषणा से खुश नहीं हैं।’’
इसे भी पढ़ें: दूसरे देशों का जो हाल है उसको देखते हुए लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय सही कदम
पश्चिम बंगाल के मालदा के रहने वाले असदुल्लाह शेख ने कहा, ‘‘हमने लॉकडाउन के पहले चरण में अपनी बचत पहले ही खर्च कर दी है। अब हमारे पास खाने को कुछ नहीं है, हम केवल अपने मूल स्थान वापस जाना चाहते हैं, सरकार को हमारे लिए व्यवस्था करनी चाहिए।’’ एक अन्य मजदूर, अब्दुल कय्युन ने कहा, ‘‘मैं पिछले कई वर्षों से मुंबई में हूं, लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी। सरकार को हमें यहां से हमारे मूल स्थान पर भेजने के लिए ट्रेनें शुरू करनी चाहिए।’’ अधिकारी ने कहा कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए विरोध स्थल पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। अन्य पुलिस थानों से कर्मियों को बुलाया गया है।
विमानन कंपनियां टिकट के पैसे नहीं लौटायेंगी
घरेलू विमानन कंपनियों ने देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) की अवधि बढ़ने के बाद फिर एक बाद यह तय किया है वह यात्रा टिकट रद्द करने पर ग्राहकों को राशि नहीं लौटायेंगी बल्कि कंपनियों ने इसके एवज में उन्हें बिना अतिरिक्त शुल्क के नई तिथियों पर बुकिंग की सुविधा देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की है। इससे पहले लगायी गयी 21 दिन की पाबंदी 14 अप्रैल को खत्म हो गई। सार्वजनिक बंदी की वजह से देश में वाणिज्यिक यात्री विमानन सेवाओं पर भी रोक जारी है। विमानन कंपनियों ने 25 मार्च से 14 अप्रैल की अवधि के लिए बुक किए गए टिकटों की राशि लौटाने के बजाय ग्राहकों को बदली तिथियों पर टिकट बुक करने की सुविधा दी थी। हालांकि, एअर इंडिया को छोड़कर अधिकतर विमानन कंपनियों ने 14 अप्रैल के बाद की अवधि के लिए घरेलू उड़ानों की बुकिंग जारी रखी थी। हालांकि, एयरलाइन ने कहा है कि नई बुकिंग पर यात्रा किराये में यदि कोई अंतर आता है तो वह ग्राहक को देना होगा।
प्रवासी श्रमिकों का सूरत में प्रदर्शन
गुजरात के सूरत में मंगलवार की शाम को सैकड़ों प्रवासी मजदूर इस मांग के साथ एकत्रित हो गए कि उन्हें लॉकडाउन के बावजूद उनके मूल स्थानों को भेजा जाए। यह जानकारी पुलिस ने दी। पुलिस ने बताया कि प्रवासी मजदूर सूरत शहर के वराछा क्षेत्र में एकत्रित हो गए और यह मांग करते हुए सड़क पर बैठ गए कि उन्हें उनके मूल स्थानों को जाने की इजाजत दी जाए। मौके पर एक पुलिस अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ''ये प्रवासी मजदूर अपने मूल स्थानों को जाना चाहते हैं। हमने इन्हें बेसब्र नहीं होने के लिए कहा क्योंकि वर्तमान समय में लॉकडाउन लागू है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि उनमें से कुछ लोग भोजन के बारे में शिकायत कर रहे थे, अत: हमने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को बुलाया और इनके लिए तत्काल भोजन के पैकेट के इंतजाम किये। स्थिति अब नियंत्रण में है।’’
यात्री विमान, ट्रेन सेवाएं तीन मई तक स्थगित रहेंगी
देश में लॉकडाउन बढ़ने के बाद सभी यात्री ट्रेन और उड़ान सेवाएं तीन मई तक स्थगित रहेंगी। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में जारी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा के बाद यह निर्णय किया गया। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में करीब 15,000 यात्री ट्रेनों से रोजाना दो करोड़ लोग यात्रा करते हैं। नागर विमानन मंत्रालय ने भी कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू वाणिज्यिक यात्री उड़ानें तीन मई की मध्यरात्रि तक स्थगित रहेंगी। कुछ विमान कंपनियों ने बुधवार से उड़ानों का परिचालन बहाल होने की उम्मीद में बुकिंग की थी। हर दिन औसतन 500,000 लोग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से यात्रा करते हैं। रेलवे ने एक बयान में कहा, ‘‘कोविड-19 की वजह से किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर जारी उपायों के क्रम में भारतीय रेल की सभी यात्री रेल सेवाओं को 3 मई 2020 तक रद्द रखने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए माल और पार्सल गाड़ियों का परिचालन जारी रहेगा।'' रेलवे ने कहा है कि तीन मई तक रद्द की गई ट्रेनों की ऑनलाइन टिकट लेने वाले लोगों के पैसे खुद ब खुद वापस आ जाएंगे और काउंटर से टिकट लेने वाले लोग 31 जुलाई तक अपने पैसे वापस ले सकते हैं।
अहमदाबाद के दो इलाकों में 21 अप्रैल तक लगेगा कर्फ्यू
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि कोविड-19 के मामलों को रोकने के लिये अहमदाबाद के पुराने शहर और दानीलिम्बडा इलाकों में बुधवार सुबह 6 बजे से कर्फ्यू लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कर्फ्यू 21 अप्रैल सुबह छह बजे तक जारी रहेगा। दोनों ही इलाकों में मुसलमानों की बड़ी आबादी है। इन दोनों ही इलाकों से कोविड-19 के कई मामले सामने आए हैं। यह घोषणा करने से पहले रुपाणी ने कांग्रेस विधायकों गयासुद्दीन शेख, इमरान खेड़ावाला और शैलेष परमान के साथ बैठक की। यह विधायक इन दोनों क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। गुजरात में कोविड-19 के अब तक 615 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से अधिकतर अहमदाबाद शहर से हैं।
इसे भी पढ़ें: भारत कोरोना से जंग पहले ही चरण में जीत जाता, परन्तु जमातियों ने सब बिगाड़ दिया
आसनसोल में पृथक वास केन्द्र बनाए जाने को लेकर झड़प
पृथक वास केन्द्र बनाए जाने को लेकर आसनसोल जिले के चारुलिया में स्थानीय लोगों के साथ हुई झड़प में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय निकाय यहां के स्वास्थ्य केन्द्र को पृथक वास केन्द्र में तबदील कर रहा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोपहर को जब स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय निकाय के अधिकारी मौका-मुआयना करने पहुंचे तो स्थानीय लोग वहां एकत्र हो गए और धक्का-मुक्की करने लगे। आसनसोल पुलिस आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और अपशब्द कहे जिसके बाद उन्होंने पुलिस को बुलाया। उन्होंने बताया कि पुलिस दल को पहुंचते देख स्थानीय लोगों ने उनके वाहनों पर पत्थर फेंके। उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए हमें लाठी चार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।’’ अधिकारी ने बताया कि चारुलिया थाने के प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
कोरोना के इलाज के लिये अस्पतालों की संख्या 602 हुयी
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिये पूरे देश में 602 अस्पताल चिन्हित किये है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुये बताया कि सभी जरूरी सुविधाओं से लैस इन अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को पृथक रखने के लिये 1,06,719 बिस्तर और गंभीर मरीजों को सघन चिकित्सा केन्द्र (आईसीयू) में रखने के लिये 12,024 आईसीयू बिस्तरों का इंतजाम है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 1,211 नये मामले सामने आये हैं, साथ ही इस अवधि में 31 मरीजों की मौत हुयी है। इसके साथ ही देश में कोरोना के संक्रमण के कुल मामले 10,363 हो गये हैं, जबकि अब तक इससे 339 लोगों की मौत हो चुकी है। अग्रवाल ने बताया कि संक्रमित मरीजों में से अब तक 1036 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। अग्रवाल ने वैश्विक स्तर पर इस महामारी के प्रकोप को देखते हुये, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के हवाले से भारत में स्थिति को संतोषजनक बताया। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में पूरे विश्व में कोरोना संक्रमण के कुल 76,498 मामले सामने आये और 5702 संक्रमित मरीजों की मौत हुयी।
शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होने देने के उपाय कर रही है सरकार
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर लॉकडाउन के दौरान शिक्षण संस्थाओं में शैक्षिक कार्य प्रभावित नहीं होने के उपायों की जानकारी दी। उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक निशंक ने नायडू को बताया कि कोविड-19 संक्रमण के कारण देशव्यापी बंदी के दौरान शिक्षण संस्थानों द्वारा शिक्षण सत्र को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए कारगर उपाय किये गये हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई पर असर न पड़े इसके लिये अत्याधुनिक तकनीक की भी भरपूर मदद ली जा रही है।
कांग्रेस ने लगाया सरकार पर आरोप
कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सरकार के कदमों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बचाव किए जाने के बीच लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि केंद्र ने महामारी के शुरुआती दिनों में समय बर्बाद किया और लॉकडाउन जल्दबाजी में लागू किया गया। उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि वह "अपनी खुद की पीठ थपथपाने" के बजाय महामारी से लड़ने के प्रयासों के लिए राज्यों को श्रेय दें जो स्थिति से निपटने में अधिक सक्रिय रहे हैं।
बंद बढ़ने के बाद यात्रा पास तीन मई तक वैध होंगे
लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किये गए यात्रा पास की वैधता तीन मई तक होगी। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को बंद की अवधि तीन मई तक बढ़ाए जाने की घोषणा किये जाने के बाद उठाया गया। प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश में कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिये बंद को बढ़ाया जाना बेहद जरूरी था। दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने एक आंतरिक संवाद में कहा, “पुलिस पास 14 अप्रैल तक की वैधता के साथ जारी किये गए थे। बंद की अवधि क्योंकि बढ़ा दी गई है, ऐसे में पास तीन मई तक वैध बने रहेंगे और इसलिये पासों की समीक्षा के लिये अलग से कोई आदेश नहीं दिया जा रहा।” उन्होंने कहा कि सभी दिशानिर्देश, निर्देश और आदेश अगले आदेश तक वैध होंगे। उन्होंने कहा, “ड्यूटी पर तैनात पुलिस के सभी कर्मचारी दिल्ली सरकार द्वारा जारी ई-पास का सम्मान करेंगे, अगर वह मोबाइल फोन पर जारी वास्तविक संदेश और व्यक्ति के पहचान-पत्र के साथ हों।''
गोवा में प्रवेश के लिये प्रमाण-पत्र की जरूरत होगी
गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने मंगलवार को कहा कि केंद्र द्वारा लॉकडाउन में छूट दिये जाने या उसे खत्म किये जाने के बाद जब हवाई अड्डे खुलेंगे तो इस तटीय राज्य में आने वाले हवाई यात्रियों को बिना स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र के प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। राणे ने कहा कि वह पहले ही मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से यह मामला केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय के समक्ष उठाने को कह चुके हैं कि वह हवाई यात्रियों को बिना कोविड-19 प्रमाण-पत्र के प्रदेश में आने की इजाजत न दे। नागर विमानन मंत्रालय इस बारे में विमान कंपनियों को सूचित कर सकता है। उन्होंने कहा, “हर राज्य को कोरोना-वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिये अपने नियम लागू करने का अधिकार है।”
इसे भी पढ़ें: कोरोना से लड़ाई में सभी दल पार्टी हितों और विचारधाराओं को दरकिनार कर एक हुए
विश्वभर में मृतकों की संख्या बढ़कर 1,20,000 हुयी
कोरोना वायरस के कारण मंगलवार को दुनिया भर में मृतकों की संख्या 1,20,000 से अधिक हो गयी। यह जानकारी एएफपी द्वारा संकलित आंकड़े से मिली है। आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में चीन में इसका पहला मामला सामने आया था और उसके बाद से अब तक 1,20,013 लोगों की मौत हो चुकी है। सिर्फ यूरोप में 81,474 लोगों की मौत हुई है। ये आंकड़े राष्ट्रीय अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मिली जानकारी पर आधारित हैं।
-नीरज कुमार दुबे
अन्य न्यूज़