'यह मुसलमानों पर हमला', Waqf Bill पर बोले Tejashwi Yadav, नागपुर का कानून थोपना चाहती है बीजेपी, हमें मंजूर नहीं

Tejashwi Yadav
ANI
अंकित सिंह । Apr 1 2025 4:17PM

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव इसे असंवैधानिक विधेयक करार दिया है। उन्होंने कहा कि हम संविधान को मानने वाले लोग हैं। बीजेपी के लोग नागपुर का कानून थोपना चाहते हैं, यह हमें कतई मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि हम गंगा-जमुनी तहजीब में विश्वास करते हैं, हमारे देश की विविधता ही इसकी खूबसूरती है।

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सियासत तेज होती दिख रही है। बिहार में भी इसको लेकर जबरदस्त चर्चा है। इस बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव इसे असंवैधानिक विधेयक करार दिया है। उन्होंने कहा कि हम संविधान को मानने वाले लोग हैं। बीजेपी के लोग नागपुर का कानून थोपना चाहते हैं, यह हमें कतई मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि हम गंगा-जमुनी तहजीब में विश्वास करते हैं, हमारे देश की विविधता ही इसकी खूबसूरती है। हमने शुरू से ही संसद के दोनों सदनों के साथ-साथ बिहार विधानसभा या बिहार विधान परिषद में भी इस विधेयक का विरोध किया है। आने वाले समय में भी हम इसका विरोध करेंगे। 

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मुसलमानों पर हमला 

तेजस्वी ने साफ तौर पर कहा कि ऐसा विधेयक हमें कभी मंजूर नहीं होगा। लालू जी अपनी खराब सेहत के बावजूद भी विरोध में शामिल हुए। इसलिए हम स्पष्ट हैं कि हम इस विधेयक को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आज मुसलमानों पर हमला है। कल ईसाइयों पर और फिर सिखों पर। भाजपा लगातार ऐसे हमले कर रही है। भाजपा के लोग रोजगार, महंगाई या देश की अर्थव्यवस्था पर कुछ नहीं बोलते। वे शिक्षा, चिकित्सा, किसानों पर कुछ नहीं बोलते। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे देश को तोड़ने और लोगों को आपस में लड़ाने का प्रयास करते हैं। भाजपा 'बड़का झूठा पार्टी' है, वे झूठ बोलने में माहिर हैं। 

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लोकसभा में कल आएगा वक्फ बिल

लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक विचार और पारित कराने के लिए लाया जाएगा और इस दौरान हंगामा होने के आसार हैं क्योंकि विपक्षी दल इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि विधेयक पर सदन में आठ घंटे की प्रस्तावित चर्चा के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू जवाब देंगे और इस विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की मंजूरी लेंगे। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। पिछले साल विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था। समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद, उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी।

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