Prabhasakshi's Newsroom । अमेरिका ने अफगानिस्तान को कहा Good Bye तो तालिबान ने बरसाईं गोलियां
तालिबान ने देश से अमेरिकी बलों की पूर्ण वापसी के बाद अफगानिस्तान के पूरी तरह स्वतंत्र होने की घोषणा की। अमेरिका ने भी मंगलवार की समय-सीमा से पहले अपने सैनिकों की वापसी की पुष्टि की, जिसके साथ ही इस युद्धग्रस्त देश में करीब 20 साल की अमेरिकी सैन्य मौजूदगी समाप्त हो गयी है।
नयी दिल्ली। अफगानिस्तान में 20 साल से जारी अमेरिकी युद्ध समाप्त हो गया। बीती रात को 12 बजने से पहले ही अमेरिका का आखिरी विमानों ने उड़ान भरी और इसी के साथ ही काबुल हवाई अड्डा तालिबानियों के कब्जे में आ गया। एक प्रांत को छोड़ दिया जाए तो बाकी के तमाम प्रांतों पर तालिबान का कब्जा है। वहीं आजादी के 75वें साल पर जारी पोस्टर से जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर गायब रहने पर विवाद खड़ा हो गया और कांग्रेस सांसद ने सरकार को घेर लिया। बात पश्चिम बंगाल की भी होगी, जहां पर भाजपा विधायक ने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली।
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अमेरिका ने अफगान को कहा Bye Bye तालिबान ने देश से अमेरिकी बलों की पूर्ण वापसी के बाद अफगानिस्तान के पूरी तरह स्वतंत्र होने की घोषणा की। अमेरिका ने भी मंगलवार की समय-सीमा से पहले अपने सैनिकों की वापसी की पुष्टि की, जिसके साथ ही इस युद्धग्रस्त देश में करीब 20 साल की अमेरिकी सैन्य मौजूदगी समाप्त हो गयी है। तालिबान के लड़ाकों ने अमेरिकी विमानों को सोमवार देर रात रवाना होते देखा और फिर हवा में गोलियां चलायी और अपनी जीत का जश्न मनाया। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अब अफगानिस्तान में 20 साल पुरानी हमारी सैन्य मौजूदगी समाप्त हो गयी है। राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों को धन्यवाद कहा। अमेरिका सेंट्रल कमान के जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने भी वाशिंगटन में अभियान सम्पन्न होने की घोषणा की।
इसी बीच पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि इतिहास में कभी भी सेना की वापसी के अभियान को इतनी बुरी तरह अंजाम नहीं दिया गया। इनके अलावा सभी उपकरणों को तुरंत अमेरिका को वापस करने की मांग की जानी चाहिए क्योंकि उसके करीब 85 अरब डॉलर लगे हैं। अगर उन्हें वापस नहीं किया गया तो हमें जाहिर तौर पर सेना भेज उन्हें वापस लाना चाहिए या कम से कम उन पर बम गिराने चाहिए।The last American soldier to leave Afghanistan: Maj. Gen. Chris Donahue, commanding general of the @82ndABNDiv, @18airbornecorps boards an @usairforce C-17 on August 30th, 2021, ending the U.S. mission in Kabul. pic.twitter.com/j5fPx4iv6a
— Department of Defense 🇺🇸 (@DeptofDefense) August 30, 2021
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आजादी के 75वें साल पर बने पोस्टर से नेहरू गायब भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद ने आजादी के 75वें साल पर एक पोस्टर जारी किया। जिससे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू नदारद दिखे। पोस्टर सामने आने के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सरकार की आलोचना की और कहा कि इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस सांसद ने कहा कि इन पोस्टरों पर नेहरू की तस्वीर न होना ऐसा है जैसे किसी फिल्म के पोस्टर में नायक का न होना। वहां पर नेहरू की फोटो होनी चाहिए। आजादी का अमृत महोत्सव जश्न के तहत इस पोस्टर को जारी किया गया है। इस पोस्टर पर आजादी में अहम योगदान देने वाले तमाम नेताओं की तस्वीरें हैं, हालांकि इस पोस्टर पर नेहरू की तस्वीर नहीं थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया।
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तन्मय घोष TMC में शामिल
पश्चिम बंगाल के बिष्णुपुर से विधायक तन्मय घोष ने भाजपा को बड़ा झटका देते हुए तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त है। तन्मय घोष ने दावा किया कि भाजपा पश्चिम बंगाल के लोगों के बीच अराजकता फैलाने का प्रयास कर रही है, जिसके कारण वह तृणमूल में शामिल हो गए। मैं सभी से पश्चिम बंगाल के कल्याण के लिए तृणमूल में शामिल होने का आग्रह करता हूं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हाथों को मजबूत करने की जरूरत है। हालांकि तन्मय घोष के तृणमूल में शामिल होने के पीछे की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने वजह बताई है। उन्होंने कहा कि वह लोग काफी समय से उनके पीछे पड़े हुए थे, जिसकी वजह से वो डर गए और तृणमूल में शामिल हो गए।अन्य न्यूज़