तालिबान के हमले के बाद प्रभावित हुए भारतीय बाजार
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे होने के बाद से कारोबार पर नकारात्मक असर देखने को मिला है। इस हमले का असर मुख्य रूप से भारत में सूखे मेवे के कारोबार पर दिखाई दे रहा है ।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे होने के बाद से कारोबार पर नकारात्मक असर देखने को मिला है। इस हमले का असर मुख्य रूप से भारत में सूखे मेवे के कारोबार पर दिखाई दे रहा है ।इसकी असली वजह भारत में फेस्टिवल सीजन का होना भी है।
कारोबारियों के मुताबिक अफगानिस्तान सुखा मेवे की 80 फ़ीसदी आपूर्ति पर कब्जा रखता है।
काबुल में सर्वाधिक सूखे मेवे का उत्पादन होता है । लेकिन अफगानिस्तान में बिगड़े हालातों की वजह से सूखे मेवे के दामों में काफी उछाल देखने को मिल रहा है।
रक्षा बंधन, जन्माष्टमी जैसे फेस्टिवल्स के चलते बाजारों में सूखे मेवे की मांग बढ़ी है। क्योंकि 1 महीने से सूखे मेवे का आयात अफगानिस्तान से बंद है, जिस कारण दिक्कतें बढ़ी है त्योहारों पर मांग बढ़ने से दामों के अनियंत्रित होने से लोगों की जेब पर भारी प्रभाव पड़ रहा है।
बरेली का मावा बाजार भी जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के थोक मेवा बाजार से अपनी आपूर्ति करता है। जिसके कारण बरेली का मेवा बाजार भी मुख्य रूप से प्रभावित हुआ है।
तालिबान के कब्जे के बाद बाजारों पर खराब असर देखने को मिला है। उपज प्रभावित होते ही आपूर्ति नहीं हो पा रही है । कारोबारियों के मुताबिक रक्षा बंधन से शुरू हुई यह दिक्कत दीपावली तक बने रहने की आशंका है। लोगों का कहना है कि मावे के ऊंचे दामों से हमारी खुशियों पर असर पड़ रहा है।
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