मुंगेर में पुनर्मतदान की मांग वाली याचिका पर विचार करने से उच्चतम न्यायालय का इनकार

Supreme Court
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याचिकाकर्ता के वकील ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से मुंगेर में चुनाव में भारी धांधली और मतदान केंद्रों पर कब्जा करने की घटनाएं हुई। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर विचार करने की इच्छुक नहीं है जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली। मामला वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें भारत निर्वाचन आयोग को बिहार के मुंगेर निर्वाचन क्षेत्र के कुछ मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराने का निर्देश देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति एस सी शर्मा और न्यायमूर्ति पी बी वराले की अवकाश पीठ ने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने को कहा। पीठ ने कहा, आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते? इस देश में उच्च न्यायालय बंद नहीं हैं। 

याचिकाकर्ता के वकील ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से मुंगेर में चुनाव में भारी धांधली और मतदान केंद्रों पर कब्जा करने की घटनाएं हुई। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर विचार करने की इच्छुक नहीं है जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली। मामला वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया। शीर्ष अदालत राजद उम्मीदवार कुमारी अनिता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें चुनाव आयोग को मुंगेर के 45 मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान कराने का निर्देश देने की मांग की गई थी। 

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याचिका में आरोप लगाया गया था कि अधिकारियों की मदद से जद (यू) कार्यकर्ताओं ने गंभीर हेरफेर, मतदान केंद्रों पर कब्जा और धांधली की। इसमें यह भी निवेदन किया गया था कि मुंगेर के जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. अवनीश कुमार सिंह को सभी प्रशासनिक जिम्मेदारियों से हटाने का निर्देश दिया जाए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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