हरियाणा में पहली बार हुआ बंदर का मोतियाबिंद ऑपरेशन
एलयूवीएएस में ‘पशु शल्य चिकित्सा और रेडियोलॉजी’ विभाग के प्रमुख आर एन चौधरी ने कहा कि बिजली के झटके से जले बंदर को हंसी के पशु प्रेमी मुनीश परिसर में लेकर आया था। चौधरी ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि शुरुआत में जलने के कारण बंदर चल नहीं पा रहा था और कई दिनों की देखभाल और उपचार के बाद वह चलने लगा।
हिसार। हरियाणा के हिसार में एक सरकारी स्वास्थ्य विश्वविद्यालय ने बंदर के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया है। बिजली के झटके से जलने के बाद बंदर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हिसार स्थित लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय(एलयूवीएएस) के अनुसार हरियाणा में पहली बार किसी बंदर के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया है।
एलयूवीएएस में ‘पशु शल्य चिकित्सा और रेडियोलॉजी’ विभाग के प्रमुख आर एन चौधरी ने कहा कि बिजली के झटके से जले बंदर को हंसी के पशु प्रेमी मुनीश परिसर में लेकर आया था। चौधरी ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि शुरुआत में जलने के कारण बंदर चल नहीं पा रहा था और कई दिनों की देखभाल और उपचार के बाद वह चलने लगा। उनके अनुसार लेकिन डाक्टरों ने पाया कि बंदर देख नहीं पा रहा है।
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उन्होंने कहा कि इसके बाद बंदर को इलाज के लिए एलयूवीएएस के ‘सर्जरी’ विभाग में लाया गया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की पशु नेत्र इकाई में जांच के बाद डॉ. प्रियंका दुग्गल ने पाया कि बंदर की दोनों आंखों में सफेद मोतियाबिंद हो गया था। चौधरी ने कहा कि शल्य चिकित्सा के बाद बंदर अब देख पा रहा है।
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