यूपी में दर्ज प्राथमिकियों के संबंध में जुबैर के खिलाफ जल्दबाजी में कदम न उठाया जाए: सुप्रीम कोर्ट
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए पेश वकील वृंदा ग्रोवर द्वारा उल्लेख किए जाने पर, हम याचिकाकर्ता को न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करने की स्वतंत्रता देते हैं।
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प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता की ओर से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए पेश वकील वृंदा ग्रोवर द्वारा उल्लेख किए जाने पर, हम याचिकाकर्ता को न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करने की स्वतंत्रता देते हैं।’’ बाद में, ग्रोवर ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया जिसने कहा कि वह दिन में ही इस पर सुनवाई करेगी। आदेश में, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत वर्तमान कार्यवाही का विषय याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज पांच प्राथमिकियों के संबंध में है। पीठ ने कहा कि चूंकि अर्जी पर आज सुनवाई नहीं हो पाई इसलिए इसे 20 जुलाई को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है। सुनवाई के दौरान, ग्रोवर ने कहा कि अब तक उत्तर प्रदेश में जुबैर के खिलाफ छह प्राथमिकी – दो हाथरस में, एक-एक सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद में दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि एक बार जब शीर्ष अदालत ने उन्हें सीतापुर में दर्ज प्राथमिकी में अंतरिम जमानत दे दी, तो एक और प्राथमिकी में वारंट आ गया। याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी प्राथमिकी, जिन्हें जांच के लिए एसआईटी को हस्तांतरित किया गया है, वे उस प्राथमिकी का विषय हैं, जिसकी जांच दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा कर रही है।
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पीठ ने कहा कि उसने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मामले में सहायता करने का अनुरोध किया है। पीठ ने सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद मेहता से कहा, ‘‘श्रीमान सॉलिसिटर जो हो रहा है वह यह कि इन सभी प्राथमिकी की सामग्री एक जैसी लगती है।’’ मेहता ने कहा कि उन्होंने ये सभी प्राथमिकी नहीं देखी हैं। पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर परसों सुनवाई कर सकते हैं ताकि आप भी निर्देश ले सकें और प्राथमिकी देख सकें।’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए ग्रोवर ने अदालत को सूचित किया कि जुबैर को आज हाथरस अदालत में पेश किया जा रहा है और रिमांड आदेश पारित किया जाएगा। ग्रोवर ने कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है क्योंकि इससे जुबैर की जान को खतरा है। ग्रोवर ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता द्वारा जुबैर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। उन पर इनाम की घोषणा भी की जा चुकी है। यह वही प्राथमिकी और वही आरोप तथा वही ट्वीट है। उन्हें उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों में पेश किया जा रहा है और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आज उन्हें हाथरस कोर्ट में पेश किया जा रहा है।’’ जुबैर के खिलाफ कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने, न्यूज एंकर पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करने, हिंदू देवताओं का अपमान करने तथा भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में उत्तर प्रदेश के सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और हाथरस जिलों में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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