पराली जलाना ‘राजनीतिक मुद्दा’ नहीं, राज्यों को इस पर रोक के लिए काम करना चाहिए, कृषि मंत्री तोमर का बयान
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पंजाब समेत उत्तर भारत के चार प्रमुख राज्यों में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर शुक्रवार को चिंता व्यक्त करते हुए राज्यों से इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की अपील की।
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पंजाब समेत उत्तर भारत के चार प्रमुख राज्यों में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर शुक्रवार को चिंता व्यक्त करते हुए राज्यों से इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की अपील की। मंत्री ने कहा कि 2018 से केंद्र सरकार ने राज्यों को पराली जलाने की घटनाओं के प्रबंधन के लिए कोष और मशीनें उपलब्ध कराई हैं। उन्होंने कहा कि पराली जलाना ‘राजनीतिक मुद्दा’ नहीं है और राज्यों को इस पर अंकुश लगाने की दिशा में काम करना चाहिए।
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मंत्री ने कहा कि कृषि अनुसंधान निकाय आईसीएआर द्वारा विकसित ‘पूसा डीकंपोजर’ पराली जलाने की समस्या से निपटने के मद्देनजर प्रभावी है। तोमर ने राज्य सरकारों के साथ-साथ किसानों से ऐसी और तकनीक का उपयोग करने की अपील की। ‘पूसा डीकंपोजर’ पर आयोजित एक दिवसीय समारोह को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा, ‘‘ करोड़ों रुपये और दो लाख मशीन उपलब्ध कराने के बावजूद पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, जो चिंता का विषय है।’’
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उन्होंने कहा कि 2018-19 से, केंद्र सरकार ने चार राज्यों - पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा - को पराली जलाने की समस्या के प्रबंधन के लिए 3,138 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं, जिसमें से 1,400 करोड़ रुपये से अधिक पंजाब को, 900 करोड़ रुपये हरियाणा को, 713 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को और 6 करोड़ रुपये दिल्ली को दिए गए हैं। मंत्री ने दावा किया कि कुछ राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा ने अच्छा काम किया है।
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