Prabhasakshi NewsRoom: राष्ट्रपति के देश छोड़कर भागने से जनता भड़की, श्रीलंकाई संसद पर बोला धावा
राजपक्षे अपने इस्तीफे का ऐलान करने के साथ ही सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव पहुंच गए हैं। श्रीलंका की वायु सेना ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि 73 वर्षीय नेता अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ सेना के एक विमान से देश छोड़कर चले गए हैं।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भाग जाने से जनता भड़क गयी है और बुधवार सुबह हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी श्रीलंका की संसद में घुस गये। इससे पहले जब यह लोग संसद की ओर बढ़ रहे थे तो पुलिस और सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इस दौरान सुरक्षा बलों और जनता के बीच जबरदस्त भिड़ंत भी देखने को मिली। लोगों ने सेना की गाड़ी पर भी हमला कर दिया और उग्र भीड़ तमाम बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ गयी। हम आपको बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास पर जनता पहले ही कब्जा कर चुकी है।
इस बीच, खबर है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपने इस्तीफे का ऐलान करने के साथ ही सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव पहुंच गए हैं। श्रीलंका की वायु सेना ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि 73 वर्षीय नेता अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ सेना के एक विमान से देश छोड़कर चले गए हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘सरकार के अनुरोध पर और संविधान के तहत राष्ट्रपति को मिली शक्तियों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय की पूर्ण स्वीकृति के साथ राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों को 13 जुलाई को कातुनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से मालदीव रवाना होने के लिए श्रीलंकाई वायु सेना का विमान उपलब्ध कराया गया।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी राष्ट्रपति के देश छोड़ने की पुष्टि की है।
ऐसा बताया जा रहा है कि राजपक्षे नयी सरकार द्वारा गिरफ्तारी की आशंका से बचने के लिए इस्तीफा देने से पहले विदेश जाना चाहते थे। ‘बीबीसी’ की एक खबर में कहा गया है कि वह स्थानीय समयानुसार देर रात करीब तीन बजे मालदीव की राजधानी माले पहुंचे। सूत्रों ने मालदीव के अधिकारियों के हवाले से बताया कि गत रात वेलाना हवाई अड्डे पर मालदीव सरकार के प्रतिनिधियों ने राजपक्षे की अगवानी की। ‘डेली मिरर’ ऑनलाइन की एक खबर के मुताबिक, राजपक्षे मालदीव से किसी अन्य देश जा सकते हैं, जिसके बारे में अभी जानकारी नहीं है।
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बहरहाल, आव्रजन अधिकारियों ने पुष्टि की कि उनके छोटे भाई और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे गत रात देश छोड़कर नहीं गए। बीबीसी ने पहले सूत्रों के हवाले से बताया था कि बासिल भी देश छोड़कर चले गए हैं। हम आपको बता दें कि देश के सबसे खराब आर्थिक संकट के लिए काफी हद तक बासिल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बासिल के पास अमेरिका का पासपोर्ट है। इससे पहले सोमवार रात को राजपक्षे और उनके भाई बासिल ने बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़ने की कोशिश की, लेकिन हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया था।
इस बीच, भारत ने मीडिया में आयी उन खबरों को ‘‘निराधार और कयास आधारित’’ बताया कि उसने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव जाने में मदद की है। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चायोग मीडिया में आयी उन खबरों को ‘निराधार तथा महज अटकल’ के तौर पर खारिज करता है कि भारत ने गोटबाया राजपक्षे को श्रीलंका से बाहर जाने में मदद की।’’ उच्चायोग ने कहा, ‘‘यह दोहराया जाता है कि भारत लोकतांत्रिक माध्यमों और मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थानों और संवैधानिक रूपरेखा के जरिए समृद्धि एवं प्रगति की आकांक्षाओं को पूरा करने में श्रीलंका के लोगों का सहयोग करता रहेगा।’’
वहीं, श्रीलंका के राजनीतिक दलों ने एक सर्वदलीय सरकार बनाने तथा दिवालिया हुए देश में अराजकता फैलने से रोकने के लिए 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया और पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के बीच बैठक हुई। राजनीतिक दलों ने संभावित उम्मीदवारों के समर्थन के लिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। समागी जन बालवेगया ने कहा है कि वह सजित प्रेमदास को अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त करने के लिए प्रचार करेगी। हम आपको बता दें कि श्रीलंका के संविधान के तहत, यदि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों इस्तीफा देते हैं, तो संसद का अध्यक्ष अधिकतम 30 दिन के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकता है।
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