कोलकाता में BJP कार्यालय के बाहर सिख समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया

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शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा की एक अन्य नेता अग्निमित्रा पॉल के साथ दावा किया कि आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे, लेकिन उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता ने आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहा था।

कोलकाता। सिख समुदाय के करीब 200 लोगों ने एक आईपीएस अधिकारी के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए बुधवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी का आरोप है कि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें ‘खालिस्तानी’ कहा था। शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा की एक अन्य नेता अग्निमित्रा पॉल के साथ दावा किया कि आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे, लेकिन उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता ने आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहा था। 

अग्निमित्रा पॉल ने दावा किया, ‘‘किसी ने भी उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया और न ही किसी ने खालिस्तानी शब्द का इस्तेमाल किया। वह एक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’ मंगलवार को संदेशखालि में भाजपा के विरोध मार्च के दौरान जसप्रीत सिंह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से सवाल किया था, सिर्फ इसलिए कि मैंने पगड़ी पहनी है, आप लोग मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं? क्या आपने यही सीखा है? अगर कोई पुलिस अधिकारी पगड़ी पहनता है और अपने कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करता है, तो वह आपके लिए खालिस्तानी बन गया? आपको शर्म आनी चाहिए। 

भाजपा कार्यालय के पास प्रदर्शन कर रहे एक व्यक्ति ने कहा, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग करने पर पंजाब के किसानों को कुछ भाजपा नेताओं द्वारा खालिस्तानी कहा जा रहा है। वहीं, पंजाब के रहने वाले एक पुलिसकर्मी को अपना कर्तव्य निभाने के लिए भगवा पार्टी द्वारा इसी तरह की टिप्पणी की गई।’’ एक बुजुर्ग सिख ने कहा, हम सभी देशभक्त भारतीय हैं, कोई भी हमारी देशभक्ति, हमारे बलिदान और देश के प्रति हमारे प्रेम पर सवाल नहीं उठा सकता है। हमारे धार्मिक अधिकार के रूप में पगड़ी पहनने पर किसी सिख को खालिस्तानी क्यों कहा जाना चाहिए? हम इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माफी की मांग करते हैं।’’ 

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शुभेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि जाने से रोकने के लिए आईपीएस अधिकारी को तैनात किया गया था। पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल में भी सिख समुदाय के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा की विभाजनकारी राजनीति की निंदा की। शुभेंदु अधिकारी ने लगाए गए आरोपों को खारिज किया और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर संदेशखालि मुद्दे से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। संदेशखालि में पिछले दिनों लोगों ने प्रदर्शन किए हैं, जहां स्थानीय महिलाओं ने फरार तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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