शिवराज ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, कमलनाथ को सभी पदों से हटाने की मांग की
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निष्ठावान समर्थकों में गिनी जाने वाली इमरती देवी कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों में से एक हैं जिनके विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार 20 मार्च को गिर गयी थी।
चौहान ने आगे लिखा, ‘‘कमलनाथ की धृष्टता देखिये कि अपनी अशोभनीय व निंदनीय टिप्पणी को सही ठहरा रहे हैं, जबकि उनकी टिप्पणी को देश की सारी मीडिया ने समवेत रूप से अभद्र टिप्पणी माना है।’’ उन्होंने कहा कि इमरती देवी ने मीडिया के समक्ष रोते हुए अपनी व्यथा का इजहार किया है जिसे देखकर किसी का भी दिल पसीज जाएगा। चुनाव आते-जाते रहते हैं लेकिन किसी दलित महिला का इस तरह अपमान आपकी पूरी राजनीति को कलंकित करता है। चौहान ने सोनिया को लिखे पत्र में कहा, ‘‘आपसे आग्रह है कि दलित महिला मंत्री के प्रति अभद्र व अशोभनीय टिप्पणी करने तथा उसे जायज ठहराने का बेशर्मी भरा कृत्य करने वाले कमलनाथ को पार्टी के सभी पदों से हटाकर उनकी कड़ी निंदा करें, ताकि महिलाओं का अपमान करने वाले आपकी पार्टी के नेताओं को सबक मिले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां मैं यह और कहना चाहूंगा कि इस प्रकरण में यदि आपने मौन धारण किया तो यह मानने के लिए बाध्य होना पड़ेगा कि कमलनाथ द्वारा दलित मंत्री इमरती देवी के प्रति की गई टिप्पणी पर आपकी पूर्ण सहमति है।’’यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 19, 2020
जहाँ नारी की पूजा होती है, वहीं देवताओं का वास होता है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कल एक महिला के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, उससे मैं आहत हूँ, शर्मिंदा हूँ।
आज बापू के चरणों में उनके लिए प्रायश्चित करने हेतु बैठा हूँ। pic.twitter.com/5f9xniPHFi
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उल्लेखनीय है कि इमरती देवी के खिलाफ राज्य की डबरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के लिए चुनाव प्रचार करते हुए कमलनाथ ने रविवार को कहा था, ‘‘डबरा से सुरेश राजे जी हमारे उम्मीदवार हैं। सरल स्वभाव के, सीधे-सादे हैं। ये तो उसके जैसे नहीं हैं। क्या है उसका नाम?’’ इस बीच, वहां मौजूद जनता जोर-जोर से ‘इमरती देवी’, ‘इमरती देवी’ कहने लगी। इसके बाद कमलनाथ ने हंसते हुए कहा, ‘‘मैं क्या उसका (डबरा की भाजपा प्रत्याशी का) नाम लूं। आप तो उसको मेरे से ज्यादा पहचानते हैं। आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था। ये क्या आइटम है?’’ पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निष्ठावान समर्थकों में गिनी जाने वाली इमरती देवी कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों में से एक हैं जिनके विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार 20 मार्च को गिर गयी थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को राज्य की सत्ता में पुन: लौट आई थी। डबरा समेत राज्य की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होना है।
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