सात राज्यों और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दिल्ली पुलिस से नए कानूनों से संबंधित अध्ययन सामग्री मांगी

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झारखंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश) के पुलिस बल ने नए आपराधिक कानूनों से संबंधित अध्ययन सामग्री मांगने के लिए दिल्ली पुलिस से संपर्क किया है।

देश के कुछ अन्य राज्यों के पुलिस बलों ने दिल्ली पुलिस से तीन नए आपराधिक कानूनों से संबंधित वह अध्ययन सामग्री मांगी है, जो उसने अपने पुलिसकर्मियों के लिए तैयार की है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश) के पुलिस बल ने नए आपराधिक कानूनों से संबंधित अध्ययन सामग्री मांगने के लिए दिल्ली पुलिस से संपर्क किया है।

सूत्र ने कहा, अध्ययन सामग्री कुछ राज्यों के साथ साझा की गई है। यह जल्द ही अन्य राज्यों के साथ साझा की जाएगी। इससे पहले, अरुणाचल प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के एक बैच ने दिल्ली पुलिस से नए आपराधिक कानूनों पर प्रशिक्षण लिया था।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) एक जुलाई को देश में लागू हुए हैं। नए कानूनों ने क्रमशः ब्रिटिश काल की भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता(सीआरपीसी) और भारतीय सक्ष्य अधिनियम (आईईए) का स्थान लिया है। नये कानून में धाराओं और प्रक्रिया में बदलाव के अलावा करीब 20 नये अपराध जोड़े गये हैं तथा 33 आपराधिक मामलों में सजा की मात्रा बढ़ा दी गयी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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