Manipur violence Update | म्यांमार से 900 कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ के बाद मणिपुर में सुरक्षा अलर्ट! पैरामिलिट्री फोर्स की कड़ी निगरानी, सुरक्षा सलाहकार का बयान जारी
मणिपुर में काफी समय से हिंसा चल रही हैं। फिलहाल अगर मणिपुर के महौल की बात की जाए तो ताजा हिंसा के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। मणिपुर में सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है, क्योंकि खुफिया इनपुट के अनुसार म्यांमार से 900 से अधिक कुकी उग्रवादियों के राज्य में घुसपैठ करने की बात सामने आई है।
मणिपुर में काफी समय से हिंसा चल रही हैं। फिलहाल अगर मणिपुर के महौल की बात की जाए तो ताजा हिंसा के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। मणिपुर में सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है, क्योंकि खुफिया इनपुट के अनुसार म्यांमार से 900 से अधिक कुकी उग्रवादियों के राज्य में घुसपैठ करने की बात सामने आई है। इंडिया टुडे ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि, कथित तौर पर वे 30-30 सदस्यों की इकाइयों में समूहबद्ध हैं और वर्तमान में परिधि में बिखरे हुए हैं और 28 सितंबर 2024 के आसपास मैतेई गांवों पर कई समन्वित हमले करने की उम्मीद है।
इन उग्रवादियों को कथित तौर पर ड्रोन-आधारित बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और जंगल युद्ध के इस्तेमाल में प्रशिक्षित किया गया है। खुफिया रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा, "खुफिया रिपोर्ट को हल्के में नहीं लिया जा सकता," एनडीटीवी ने बताया। उन्होंने कहा, "जब तक यह गलत साबित नहीं हो जाता, हम मानते हैं कि यह 100% सही है।"
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संभावित उग्रवादी हमले को लेकर पर्वतीय जिलों में बढ़ाई गई सतर्कता
मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सीमावर्ती गांवों में उग्रवादियों के हिंसा करने की संभावना के मद्देनजर सुरक्षा बलों ने कई उपाय किये हैं। सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से इन उग्रवादियों की गतिविधियों की खबरें आ रही थीं। उन्होंने संकेत दिया कि हमले 28 सितंबर के आसपास किसी भी दिन होने की आशंका है। सिंह ने कहा कि ‘‘सरकार ने ऐसे किसी भी हमले का मुकाबला करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को साझा करना जरूरी समझा है।’’
ड्रोन और रॉकेट हमलों से पूरी ताकत से निपटने पर विचार-विमर्श किया
सिंह ने कहा कि 18 सितंबर को मुख्य सचिव के सम्मेलन कक्ष में रणनीतिक संचालन समूह (एसओजी) की बैठक हुई, जहां ‘‘हमने ड्रोन और रॉकेट हमलों से पूरी ताकत से निपटने पर विचार-विमर्श किया।’’ उन्होंने बताया कि दूरदराज के इलाकों में योजनाबद्ध उपायों की जानकारी दी गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी उग्रवादी गतिविधि को ‘‘शुरुआत में ही खत्म कर दिया जाए’’ तथा विभिन्न एजेंसियों के बीच खुफिया जानकारी साझा की गई है।
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उग्रवादियों के समूह की गतिविधियों निगरानी
सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि यदि 30 या उससे अधिक उग्रवादियों के समूह की गतिविधियों का पता चलता है, तो तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुराचांदपुर, तेंगनौपाल, उखरुल, कामजोंग और फेरजावल जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सिंह ने कहा, ‘‘जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से अब तक लगभग 468 बंकर नष्ट किए जा चुके हैं। हम असम राइफल्स और सेना के साथ मिलकर ड्रोन रोधी उपाय कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने भी कुछ ड्रोन रोधी हथियार प्रणालियां तैनात की हैं।
मणिपुर उग्रवादी संगठन के 18 घंटे के बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित
मणिपुर में उग्रवादी संगठन द्वारा 18 घंटे के बंद से इंफाल घाटी के जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन ‘नेशनल रिवोल्यूशनरी फ्रंट ऑफ मणिपुर’ (एनआरएफएम) द्वारा आहूत बंद के कारण घाटी के पांच जिलों में बाजार, दुकानें और बैंक बंद रहे तथा सार्वजनिक परिवहन के वाहन सड़कों से नदारद रहे। उन्होंने बताया कि सड़कों पर कुछ निजी वाहन नजर आए।
बंद का असर पहाड़ी जिलों में नहीं पड़ा
अधिकारियों ने बताया कि आवश्यक सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा गया। एक अधिकारी ने बताया कि बंद का असर पहाड़ी जिलों में नहीं पड़ा है। एनआरएफएम ने 1949 में इसी दिन तत्कालीन मणिपुर शासक महाराजा बोधचंद्र और भारत सरकार के बीच विलय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के विरोध में बंद का आह्वान किया। समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद मणिपुर रियासत 15 अक्टूबर 1949 को आधिकारिक तौर पर भारत संघ का हिस्सा बन गई थी।
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