हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के ‘फ्री’ ऑफर से क्या मिलेगी सत्ता की चाबी?

Congress Haryana elections
ANI
अजय कुमार । Sep 20 2024 1:02PM

कांग्रेस ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में कई आकर्षक वादे पेश किए हैं। इनमें से प्रमुख वादा 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का है, जो सीधे अरविंद केजरीवाल के मॉडल से प्रेरित है।

भारतीय राजनीति में मुफ्त योजनाओं का चलन पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है, और यह एक ऐसी रणनीति बन गई है जिसे राजनीतिक दल अपने चुनावी अभियानों में बड़ी चतुराई से इस्तेमाल कर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मुफ्त पानी और बिजली देने का मॉडल हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुफ्त राशन देने का कार्यक्रम, ये सभी नीतियां राजनीतिक सफलता की कुंजी बन चुकी हैं। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी से लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन तक, सभी ने इन योजनाओं का उपयोग करके अपनी सत्ता को मजबूत किया है। अब हरियाणा में कांग्रेस ने इसी परंपरा को अपनाते हुए अपने चुनावी अभियान में एक नया मोड़ लिया है, जिससे वह पिछले दस वर्षों से सत्ता से बाहर रहने की स्थिति को बदलने का प्रयास कर रही है।

कांग्रेस ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में कई आकर्षक वादे पेश किए हैं। इनमें से प्रमुख वादा 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का है, जो सीधे अरविंद केजरीवाल के मॉडल से प्रेरित है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि कांग्रेस ने समझ लिया है कि लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं ही उनकी राजनीतिक जीत की कुंजी हो सकती हैं। कांग्रेस के नेता इस बार अपने वादों में आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं, और उन्होंने इन योजनाओं को लुभावना बनाने की हर संभव कोशिश की है।

इसे भी पढ़ें: हरियाणा के चुनावी मुद्दों से मिल रहे हैं सत्ता-विरोधी संकेत

महिलाओं के प्रति कांग्रेस का यह नया दृष्टिकोण भी ध्यान देने योग्य है। पार्टी ने 18 वर्ष से ऊपर की प्रत्येक महिला को प्रतिमाह 2000 रुपये देने का वादा किया है। यह योजना मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना से प्रेरित है, जिसने उस राज्य में चुनावी परिणामों को पलटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कांग्रेस का यह वादा महिलाओं को सीधे आर्थिक सहायता देकर उन्हें अपने पक्ष में करने की एक रणनीति है। इसके अतिरिक्त, बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को भी छह हजार रुपये की पेंशन देने का प्रस्ताव रखा गया है, जो कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है।

किसानों को आकर्षित करने के लिए कांग्रेस ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कानूनी गारंटी देने का वादा किया है। यह घोषणा किसानों के हित में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, और इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस ने ग्रामीण समुदाय की चिंताओं को समझा है। भारतीय राजनीति में किसानों का एक अहम स्थान है, और उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करना हमेशा से राजनीतिक दलों के लिए फायदेमंद रहा है। इसके अलावा, कांग्रेस ने किसानों को तुरंत मुआवजे का आश्वासन देकर उनकी समस्याओं को तेजी से हल करने का भी वादा किया है।

कांग्रेस ने तेलंगाना के मॉडल को भी अपनाने की कोशिश की है, जिसमें गैस सिलेंडर के लिए मात्र 500 रुपये देने का प्रस्ताव है। यह योजना गरीब परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है, और इसके तहत 100 गज के मुफ्त प्लॉट और पक्के मकान देने का भी वादा किया गया है। यह आवास की समस्या को हल करने में मदद करेगा और नागरिकों को एक स्थायी घर प्रदान करेगा।

कांग्रेस ने राजस्थान की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को भी अपने घोषणा पत्र में शामिल किया है। इसके तहत गरीबों के लिए 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने का वादा किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता पर हाल के वर्षों में सवाल उठते रहे हैं, और यह योजना कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण दांव साबित हो सकती है। हालांकि राजस्थान में यह योजना अपेक्षित सफलता नहीं प्राप्त कर पाई थी, लेकिन हरियाणा में इसकी लोकप्रियता को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।

कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का भी भरोसा दिया है, जो सरकारी कर्मचारियों की एक बड़ी मांग है। इस योजना से न केवल कर्मचारियों को, बल्कि उनके परिवारों को भी फायदा होगा, और इससे कांग्रेस का समर्थन बढ़ सकता है। चुनावी प्रचार में कांग्रेस ने अपनी योजनाओं को प्रभावशाली तरीके से पेश किया है, जो दर्शाता है कि वह अपने मतदाताओं को खुश करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

हालांकि, कांग्रेस के इन दावों की सफलता केवल चुनाव के नतीजों पर निर्भर करेगी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मुफ्त योजनाएं हमेशा कारगर नहीं होतीं। कई बार मतदाता इन योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को भी ध्यान में रखते हैं। भ्रष्टाचार, प्रशासनिक विफलता और कानून-व्यवस्था की स्थिति जैसे मुद्दे भी मतदाताओं के फैसले को प्रभावित करते हैं।

इस प्रकार, हरियाणा में कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतरते हुए एक महत्वपूर्ण रणनीति अपनाई है। अब देखना यह है कि क्या ये मुफ्त योजनाएं वास्तव में उन्हें सत्ता में वापस लाने में मदद कर पाएंगी या नहीं। भाजपा और अन्य दलों की प्रतिक्रियाएं भी इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। अंततः, हरियाणा का चुनाव यह साबित करने के लिए एक बड़ा मंच होगा कि मुफ्त योजनाएं कितनी प्रभावी हैं और क्या वे एक राजनीतिक दल की किस्मत को बदलने में सक्षम हैं।

कांग्रेस की यह कोशिश एक संकेत है कि चुनावी राजनीति में सामाजिक कल्याण की योजनाएं अब एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, और यह देखा जाना बाकी है कि क्या ये योजनाएं हरियाणा में कांग्रेस के लिए राजनीतिक सफलता की चाबी बन पाएंगी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़