UP Election 2022 । कुंडा में राजा भैया को कड़ी चुनौती दे रही हैं समाजवादी पार्टी
पिछले चुनाव में उनकी जीत का अंतर करीब 1.04 लाख वोटों का था। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने राजा भैया को कुंडा का गुंडा कहा था और यह खिताब राजनीतिक हलकों में तबसे बना हुआ है। कहा जाता है कि वह कुंडा में अपने परिवार के तालाब में अपने दुश्मनों को मगरमच्छों को खिलाते थे, लेकिन राजा भैया इससे इनकार करते हैं।
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पिछले चुनाव में उनकी जीत का अंतर करीब 1.04 लाख वोटों का था। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने राजा भैया को कुंडा का गुंडा कहा था और यह खिताब राजनीतिक हलकों में तबसे बना हुआ है। कहा जाता है कि वह कुंडा में अपने परिवार के तालाब में अपने दुश्मनों को मगरमच्छों को खिलाते थे, लेकिन राजा भैया इससे इनकार करते हैं। सपा प्रत्याशी गुलशन यादव ने कहा, यह पहली बार है जब राजा भैया और उनके समर्थक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे हैं, पहले वह अपने समर्थकों की बैठक बुलाते थे और चुनाव के दौरान ड्यूटी सौंपते थे। यादव ने कहा कि उन्होंने यहां कोई विकास नहीं किया है, अगर कोई विकास हुआ तो वह केवल एक जाति के लिए था। यादव के मुताबिक उन्हें पहले समाजवादी पार्टी या किसी अन्य पार्टी का वोट मिलता था, जो आसान जीत सुनिश्चित करता था, लेकिन इस बार चीजें अलग हैं। 53 वर्षीय राजा भैया ने हाल ही में लखनऊ में मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी और संकेत दिया था कि उन्हें एक बार फिर उनका और उनकी पार्टी का समर्थन मिलेगा। लेकिन मुलायम का आशीर्वाद लेने के कुछ दिनों के भीतर ही अखिलेश यादव ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया था। राजा भैया के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने मीडियाकर्मियों से पूछा था, राजा भैया कौन हैं? लगभग 3.5 लाख मतदाताओं वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में अन्य जातियों के अलावा यादव (80,000), पटेल (50,000), पासी (50,000), ब्राह्मण और मुस्लिम (दोनों लगभग 45,000 प्रत्येक) की बड़ी संख्या है और ठाकुर लगभग 15,000 हैं। राजा भैया ठाकुर हैं। राजा भैया, जिन्होंने अपनी पार्टी जनसत्ता दल का गठन किया और 19 अन्य सीटों पर भी उम्मीदवार खड़े किए हैं। वह अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं।
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राजा भैया ने कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं है जब सभी दलों ने मेरे खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए हैं, 1993 में सपा-बसपा दोनों ने मिलकर संयुक्त उम्मीदवार दिए थे, भाजपा, जनता दल ने भी इस सीट पर चुनाव लड़ा था।’’ मौली गांव के एक बुजुर्ग अबरार अहमद, को लगता है कि राजा भैया के खेमे में कुछ गतिविधि है क्योंकि इस बार उनका समर्थन करने वाले सपा का कैडर वोट इस बार स्थानांतरित हो रहा है। भगवंत चौराहे पर अपनी कपड़ा दुकान में बैठे राजेश कुमार त्रिपाठी और उनके दोस्तों, स्वघोषित भाजपा समर्थकों का कहना है कि उन्हें मौजूदा विधायक पर पूरा भरोसा है और उनके द्वारा किए गए कई कार्यों का हवाला देते हैं। त्रिपाठी ने बताया, यह कहना गलत है कि वह केवल अपने जाति के लोगों के लिए काम कर रहा है। हाल ही में एक मुस्लिम युवक को उसके ही समर्थकों ने पीटा था और राजा ने खुद निर्देश दिया था कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। वह एक अभिभावक की तरह है और सबकी अच्छी देखभाल करते है। पास बैठे मुन्ना शुक्ला ने कहा कि उनके लिए पहली पसंद राजा भैया हैं, अगर वह नहीं होते तो हम भाजपा का समर्थन करते। प्रतापगढ़ के कुंडा और अन्य विधानसभा क्षेत्रों में 27 फरवरी को पांचवें चरण में मतदान होना है।
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