Sahara India Refund Latest Update: लोकसभा में बोलीं निर्मला सीतारमण, कागज लेकर आइए, सरकार पैसा देने को तैयार
सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सीतारमण ने यह भी कहा कि सहारा समूह के पूरे मामलों की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जा रही है और सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम कर रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सहारा की दो योजनाओं के तहत निवेशकों को कुल 25,000 करोड़ रुपये में से अब तक केवल 138.07 करोड़ रुपये वापस किये गये हैं। निचले सदन में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, सीतारमण ने कहा कि अब तक दावों की संख्या 19,650 है। उनके मुताबिक, इन दावों में से 17,250 दावों का निपटारा कर दिया गया जबकि बाकी आवेदकों को और कागजात उपलब्ध कराने के लिए कहा गया ताकि उनके दावों का निपटारा किया जा सके।
इसे भी पढ़ें: Sansad Diary: सरकार के खिलाफ विपक्ष का आक्रामण जारी, BJP का विकसित भारत पर जोर
सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार चाहकर भी सहारा समूह की कंपनियों के मामले में कुछ नहीं कर सकती क्योंकि हर चीज की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जा रही है। सहारा रिफंड को लेकर पूछे गए सवाल पर सीतारमण ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार तो हाथ जोड़कर खड़ी है कि आइए सारे कागजात लाइए और अपने पैसे ले जाइए। लेकिन कोई आ नहीं रहा है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग बाहर जाकर ये ना कहें कि सरकार पैसा नहीं दे रही है। सरकार तो पूरी तरह से तैयार है। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट सुपरवाइज कर रही है।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सीतारमण ने यह भी कहा कि सहारा समूह के पूरे मामलों की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जा रही है और सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि केवल छोटे निवेशक ही रिफंड का दावा करने के लिए आगे आए हैं। एसएफआईओ पूरे मामले की जांच कर रहा है। यह भी देख रहा है कि सभी निवेशक रिफंड का दावा करने के लिए आगे क्यों नहीं आए और वे कहां हैं।’’
इसे भी पढ़ें: मुसलमानों से संपत्तियों को छीनने का कोई इरादा नहीं, इस वजह से वक्फ अधिनियम में संशोधन लाने की तैयारी में सरकार
एक सदस्य के सवाल पर कि सेबी की ऐसी कोई संपत्ति नहीं है जिसे नीलाम नहीं किया जा सके और निवेशकों को पैसा नहीं दिया जा सके, उन्होंने कहा, "हां, सहारा की, जिसे सेबी नीलाम कर सकता है और पैसा वापस ले सकता है।" हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सबसे पहले लक्ष्य 25,781 करोड़ रुपये का वितरण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसलिए हम चाहेंगे कि और भी दावेदार आएं।' सहकारिता मंत्रालय द्वारा बनाया गया एक पोर्टल है जिसमें कहा गया है कि कृपया उन चार सहकारी-आधारित संगठनों के लिए अपना नाम डालें। उस पोर्टल पर जाएं, और अपना नाम पंजीकृत करें। एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश सहित तीन लोगों की वह समिति दावों पर गौर करेगी और धन वितरित किया जाएगा।
अन्य न्यूज़