जमीन खरीद केस में दूसरे दिन ईडी के सामने रॉबर्ट वाड्रा की पेशी, बोले- हम किसी से डरते नहीं हैं

रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा कि मैंने एजेंसी को 2019 के अपने बयान दिखाए कि आप वही सवाल पूछ रहे हैं जिनका मैंने 2019 में जवाब दिया था, और एजेंसी के लोग भी चौंक गए। मैं बस इतना कह सकता हूं कि एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं देश छोड़कर भागने वाला नहीं हूँ।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कारोबारी रिश्तेदार रॉबर्ट वाड्रा 2008 के हरियाणा भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को लगातार दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए। उनके साथ उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा भी थीं, जो केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद हैं। रॉबर्ट वाड्रा के ईडी कार्यालय में जाने से पहले दोनों ने गले मिलकर अभिवादन किया। हालांकि, वाड्रा ने इससे पहले कहा कि मैं एजेंसी की ओर से दूसरा समन देखकर हैरान था क्योंकि मैं इसी मामले के संबंध में एजेंसी के सामने पहले ही 15 बार पेश हो चुका हूं। मुझसे 10 घंटे तक पूछताछ की गई, और मैंने 23,000 दस्तावेज दिए।
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रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा कि मैंने एजेंसी को 2019 के अपने बयान दिखाए कि आप वही सवाल पूछ रहे हैं जिनका मैंने 2019 में जवाब दिया था, और एजेंसी के लोग भी चौंक गए। मैं बस इतना कह सकता हूं कि एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं देश छोड़कर भागने वाला नहीं हूँ। मैं सभी सवालों के जवाब दूंगा। मुझे कोई दिक्कत नहीं है, जितनी एजेंसीज का इस्तेमाल करना है कर लो। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को उनसे करीब पांच घंटे तक पूछताछ की गई और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संघीय जांच एजेंसी ने उनका बयान दर्ज किया। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को सत्र फिर से शुरू होगा।
56 वर्षीय वाड्रा ने ईडी की कार्रवाई को "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और बड़ी मात्रा में दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 20 साल पुराने मामलों को बंद करने की जरूरत है। वाड्रा के खिलाफ जांच हरियाणा के गुरुग्राम के मानेसर-शिकोहपुर (अब सेक्टर 83) में एक जमीन सौदे से जुड़ी है। फरवरी 2008 का यह जमीन सौदा स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने किया था, जिसके पहले वाड्रा निदेशक थे। कंपनी ने शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज नामक फर्म से 7.5 करोड़ रुपये की कीमत पर 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी।
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उन्होंने कहा कि हम किसी से डरते नहीं हैं...हम निशाने पर हैं क्योंकि हम प्रासंगिक हैं। चाहे राहुल गांधी को संसद में रोका जाए या मुझे बाहर। हम निश्चित रूप से निशाने पर हैं लेकिन हम आसान निशाना नहीं हैं, हम कठोर निशाना हैं। उन्होंने कहा कि जब हरियाणा में इसकी जांच हुई तो प्रशासन ने पाया कि कुछ भी गलत नहीं हुआ है। खट्टर जी ने मुझे उसी मामले में क्लीन चिट दे दी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा कि 7 साल बाद फिर मुझसे पूछताछ क्यों हो रही है।
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