रालोद के भाजपा से हाथ मिलाने का दावा गलत, विपक्षी दलों की अगली बैठक में भाग लूंगा: जयंत चौधरी

Jayant Chaudhary
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राष्‍ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी ने महाराष्‍ट्र में हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने की अटकलों को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि उनका रुख बिल्‍कुल स्‍पष्‍ट है और वह विपक्षी दलों की अगली बैठक में जरूर शामिल होंगे।

बागपत (उप्र)। राष्‍ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी ने महाराष्‍ट्र में हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने की अटकलों को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि उनका रुख बिल्‍कुल स्‍पष्‍ट है और वह विपक्षी दलों की अगली बैठक में जरूर शामिल होंगे। चौधरी ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा से हाथ मिलाने की अटकलों और दावों को गलत बताया। चौधरी का रालोद समाजवादी पार्टी (सपा) का सहयोगी दल है और उसने वर्ष 2022 का उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ा था।

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चौधरी सपा की मदद से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। चौधरी से पूछा गया था कि केन्‍द्रीय मंत्री रामदास अठावले और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर कह रहे हैं कि महाराष्‍ट्र में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद वह (चौधरी) भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा, मेरा रुख बिल्‍कुल स्पष्ट है। उनके (अठावले और राजभर) कहने से क्‍या होता है। रालोद अध्‍यक्ष ने कहा कि 23 जून की बैठक के बाद विपक्षी दलों की अगले दौर की जो बातचीत होगी उसमें वह शामिल होंगे। गौरतलब है कि चौधरी पिछले महीने 23 जून को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में निजी कारणों का हवाला देते हुए शामिल नहीं हुए थे।

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अठावले ने एक बयान में कहा है कि महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट के बाद ऐसे ही हालात बिहार और उत्‍तर प्रदेश में भी पैदा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी भाजपा नीत राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो सकते हैं, क्‍योंकि वह पिछली 23 जून को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। वहीं, ओमप्रकाश राजभर ने भी दावा किया था कि महाराष्‍ट्र ही नहीं बल्कि उत्‍तर प्रदेश में भी बड़ा फेरबदल होने वाला है। समाजवादी पार्टी और रालोद का गठबंधन टूटने की कगार पर है। महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में हुई टूट के बारे में पूछे गये एक सवाल पर चौधरी ने कहा, देखिए, यह कोई बात नहीं है। यह चीजें होती हैं।

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राजनीति में यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है। जनता का फैसला अब 2024 में ही होगा। जनता किसी के हाथ की चाबी तो नहीं है। वह जनादेश देगी। पश्चिमी यूपी में जनाधार रखने वाले रालोद के पास वर्तमान में 403 सदस्यीय विधानसभा में नौ विधायक हैं। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के दौरान सपा और रालोद के बीच कथित दरार सामने आई थी। हाल ही में संपन्न इन चुनावों में दोनों दलों ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में एक-दूसरे के खिलाफ उम्‍मीदवार उतारे थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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