राजद ने बेरोजगार युवाओं के लिये शुरू किया पोर्टल, सत्ता में आने पर नौकरी देने का वादा
सत्तारूढ़ जदयू ने कहा कि तेजस्वी को इन मुद्दों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और उन्हें पहले अपने माता पिता के शासन काल में इन दोनों मुद्दों का रिकार्ड देख लेना चाहिए।
हालांकि, कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिये लागू किये गये लॉकडाउन को लेकर 20 लाख से अधिक श्रमिक बिहार लौटे हैं। उन्हें से कई लोग देश के विभिन्न शहरों में स्थित अपने पुराने कार्य स्थलों पर वापस चले गये हैं लेकिन कई अन्य यहीं रूक कर आसपास के इलाकों में रोजगार तलाश रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद)के नेता तेजस्वी ने यहां पार्टी कार्यालय में कहा, ‘‘कोई भी बेरोजगार युवक उपरोक्त वेबसाइट को खोल कर अपने संपर्क के विवरण के साथ बायोडाटा के रूप में जानकारी डाल सकता है। इसके अलावा, टोल फ्री नंबर 9334302020 परमिस्ड कॉल कर भी कोई व्यक्ति अपना पंजीकरण करा सकता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने राज्य में नौकरियों के अवसर सृजित करने केलिये विशेषज्ञों के परामर्श से व्यापक योजना तैयार की है। ’’ उन्होंने आह्वन किया कि यदि राज्य से बेरोजगारी खत्म करनी है तो नीतीश कुमार को सत्ता से हटाना होगा।Bihar's unemployment rate is around 46%, one of the highest in India. Around 4.5 lakh posts are vacant in different departments of state govt. If given a chance, our govt will fill all the vacant posts & create new vacancies in proportion to population: RJD leader Tejashwi Yadav https://t.co/zBdJecgntY
— ANI (@ANI) September 5, 2020
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तेजस्वी ने दावा किया, ‘‘बिहार में बेरोजगारी की दर 46.6 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है। नौकरी की तलाश में बड़ी संख्या में लोग बिहार से बाहर जाते हैं। 52 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं। ’’ उन्होंने कहा कि यदि राजद की सरकार बनती है तो राज्य में पहले से लंबित रिक्तियों का भरने के लिये एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा, सभी भर्ती परीक्षाएं नियमित रूप से कराई जाएंगी। हालांकि, सत्तारूढ़ जदयू ने कहा कि तेजस्वी को इन मुद्दों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और उन्हें पहले अपने माता पिता के शासन काल में इन दोनों मुद्दों का रिकार्ड देख लेना चाहिए। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, ‘‘उस समय उद्योगपति, चिकित्सक, युवा और श्रमिकों ने भारी संख्या में प्रवास किया। लेकिन आज लोगों का दूसरे राज्यों में जाना नियंत्रण में है।
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