क्या खत्म होगा गहलोत-पायलट के बीच चल रहा घमासान ? कांग्रेस आलाकमान ने निकाला सुलह का फॉर्मूला
गहलोत मंत्रिमंडल में 9 पद खाली पड़े हुए हैं। जिनमें से कुछ पद तो पायलट खेमे के विधायकों द्वारा इस्तीफा दिए जाने से खाली हुए थे और वो अपने खेमे के 6 से 7 विधायकों को वापस मंत्रिमंडल में देखना चाहते हैं लेकिन यह इतना आसान नहीं होने वाला है।
नयी दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है। लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने मोर्चा संभाल लिया है और शांत बैठे पायलट और गहलोत के बीच के विवाद को सुलझाने का फॉर्मूला भी तैयार कर लिया है।
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गहलोत मंत्रिमंडल में खाली हैं 9 पद
गहलोत मंत्रिमंडल में 9 पद खाली पड़े हुए हैं। जिनमें से कुछ पद तो पायलट खेमे के विधायकों द्वारा इस्तीफा दिए जाने से खाली हुए थे और वो अपने खेमे के 6 से 7 विधायकों को वापस मंत्रिमंडल में देखना चाहते हैं लेकिन यह इतना आसान नहीं होने वाला है क्योंकि 18 निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी उम्मीद लगाए हुए बैठे हैं। ऐसे में सभी विधायकों को संतुष्ठ कर पाना मुश्किल है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया को बताया कि मंत्रिमंडल फेरबदल पर पार्टी आलाकमान फैसला करेगा। इसकी पूरी जानकारी अजय माकन के पास है। इस बैठक में विवाद को सुलझाने वाले एक फॉर्मूला पर चर्चा हुई। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पायलट और गहलोत खेमे की नाराजगी को दूर करना चाहती है। ऐसे में पायलट खेमे को 4 और गहलोत के सहयोगियों को 5 मंत्रिपद मिलने की संभावना है।
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आपको बता दें कि राजस्थान के मुद्दे पर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच लंबी बातचीत हुई। इस दौरान फेरबदल की सभी संभावनाओं को तलाशा गया। अजय माकन के पास फेरबदल की सारी जानकारी है और जल्द ही फेरबदल हो सकता है। माना जा रहा है कि संगठन के लोग सरकार में दिखाई दे सकते हैं।
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