उपचुनाव परिणाम: अशोक गहलोत की दावेदारी हुई मजबूत, वसुंधरा के बिना भाजपा की राह मुश्किल
अनुराग गुप्ता । Nov 3 2021 2:17PM
धरियावद सीट पर भाजपा तीसरे स्थान पर रही। कांग्रेस के नगराज मीणा ने जीत दर्ज की। जबकि दूसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार थावरचंद रहे। आपको बता दें कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में धरियावद सीट से भाजपा उम्मीदवार गौतम लाल मीणा ने जीत दर्ज की थी लेकिन बाद में कोरोना के चलते उनका निधन हो गया था।
जयपुर। राजस्थान उपचुनाव के परिणाम सामने आने के बाद अशोक गहलोत की दावेदारी और भी ज्यादा मजबूत हो गई है। आपको बता दें कि दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव भाजपा के लिए अच्छे साबित नहीं हुए हैं। क्योंकि पार्टी अपनी कद्दावर नेता वसुंधरा राजे सिंधिया को भूल सी गई थी। उपचुनाव में पार्टी ने न सिर्फ एक सीट गंवाई बल्कि वल्लभनगर सीट पर तो चौथे स्थान खिसक गई।
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कांग्रेस ने भाजपा से छीनी धरियावद की सीट
धरियावद सीट पर भाजपा तीसरे स्थान पर रही। यहां से कांग्रेस के नगराज मीणा ने जीत दर्ज की। जबकि दूसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार थावरचंद रहे। आपको बता दें कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में धरियावद सीट से भाजपा उम्मीदवार गौतम लाल मीणा ने जीत दर्ज की थी लेकिन कोरोना के चलते उनका निधन हो जाने की वजह से यह जीत खाली हो गई थी। जिसके बाद कांग्रेस ने यह सीट भाजपा से छीन ली।वहीं वल्लभनगर में भाजपा उम्मीदवार हिम्मत सिंह झाला वोट शेयर के मामले में चौथे स्थान पर रहे। आपको बता दें पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जारी अंतर्कलह भी खुलकर सामने आ गई थी और राजस्थान में अशोक गहलोत पर भी दबाव बनता हुआ दिखाई दे रहा था। लेकिन उपचुनाव के नतीजों के बाद स्थिति बदली-बदली नजर आ रही है।भाजपा की राह मुश्किलवर्तमान भाजपा का राजस्थान नेतृत्व वसुंधरा राजे को दरकिनार करने की कोशिश कर रही थी लेकिन उपचुनाव के नतीजों ने यह जरूर दर्शा दिया कि प्रदेश में उनके बिना भाजपा की राह मुश्किल है। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने उपचुनाव के लिए प्रचार किया था। हालांकि वसुंधरा इस चुनाव प्रचार से दूर रही थीं। जिसका असर चुनावी नतीजों पर साफ-साफ देखा जा सकता है। इन चुनावी नतीजों के बाद वसुंधरा आलाकमान को यह संदेश देना का प्रयास जरूर करेंगी कि प्रदेश में उनकी गैरहाजिरी में भाजपा की दाल नहीं गल सकती है।इसे भी पढ़ें: वसुंधरा राजे ने तोड़ी चुप्पी, कहा- अगला CM वही होगा जिसे जनता पसंद करेगी
आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से इस प्रकार की खबरें रही हैं कि पार्टी प्रदेश इकाई उन्हें दूर करने की कोशिश कर रही थी। इसी कड़ी में वसुंधरा समर्थकों ने एक अलग मंच तैयार कर लिया है। उनके समर्थकों का यह दावा रहा है कि वसुंधरा के बिना भाजपा की सरकार नहीं बन सकती है।
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