कांग्रेस स्थापना दिवस के बीच विदेश गए राहुल गांधी, इससे पहले भी अहम मौकों पर रहे हैं नदारद
1947 तक आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली कांग्रेस आजादी के बाद भी देश की सत्ता में सबसे ज्यादा दिनों तक रही। अब तक कांग्रेस पार्टी के 88 अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि आजादी के बाद सिर्फ 18 अध्यक्ष बने हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का आज 136 वां स्थापना दिवस है। कांग्रेस भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है जिसने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज ही के दिन मुंबई की गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में कांग्रेस का जन्म हुआ था। एओ ह्यूम ने इस पार्टी की नींव रखी थी। एओ ह्यूम स्कॉटलैंड के एक रिटायर अधिकारी थे। हालांकि जीवित रहते हुए उन्हें कांग्रेस के स्थापक का दर्जा तो नहीं मिला लेकिन उनकी मौत के बाद 1912 में उन्हें इसका संस्थापक घोषित किया गया। 1985 में डब्ल्यू सी बनर्जी को कांग्रेस का पहला अध्यक्ष चुना गया था। 1947 तक आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली कांग्रेस आजादी के बाद भी देश की सत्ता में सबसे ज्यादा दिनों तक रही। अब तक कांग्रेस पार्टी के 88 अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि आजादी के बाद सिर्फ 18 अध्यक्ष बने हैं।
खास बात यह है कि आजादी के बाद पार्टी पर ज्यादातर कमान गांधी-नेहरू परिवार का ही रहा है। 38 साल तक इस पार्टी की कमान गांधी नेहरू परिवार का रहा है। अब तक के 1951 में जवाहरलाल नेहरू के अध्यक्ष पद संभालने के बाद इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी इसके अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान समय में भी सोनिया गांधी ही पार्टी की कप्तान हैं। आजादी के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर भी कांग्रेस ने ही सबसे ज्यादा दिनों तक देश की सत्ता पर राज किया है। हालांकि, वर्तमान परिस्थिति कांग्रेस के लिए बिल्कुल अलग है। अगर कहा जाए कि कांग्रेस वर्तमान में अपने सबसे बुरे दौर में है, तो इसमें कोई दो राय नहीं होगी। कांग्रेस के 136वें स्थापना दिवस पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य नेताओं ने शुभकामनाएं दीं और देश की आजादी एवं विकास में कांग्रेस के योगदान को याद किया। इसके साथ ही कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में ध्वजारोहण किया गया। पार्टी अपने स्थापना दिवस पर देश भर में ‘तिरंगा यात्रा’ निकाल रही है और उसने सोशल मीडिया में ‘सेल्फी विद तिरंगा’ नामक अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सोशल मीडिया मंचों पर तिरंगे के साथ अपनी तस्वीरे और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं।देश हित की आवाज़ उठाने के लिए कांग्रेस शुरू से प्रतिबद्ध रही है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 28, 2020
आज कांग्रेस के स्थापना दिवस पर, हम सच्चाई और समानता के अपने इस संकल्प को दोहराते हैं।
जय हिंद!#CongressFoundationDay pic.twitter.com/LCJvcABYh1
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लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जब पार्टी अपने बुरे दौर में भी होने के बावजूद खुद को खड़ा करने की कोशिश कर रही है तो इसका चेहरा राहुल गांधी ही गायब है। यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी किसी खास अवसर पर नदारद हैं। इससे पहले भी हमने देखा है कि कई मौकों पर राहुल गांधी देश में नहीं रहते हैं। कभी-कभी तो संसद सत्र शुरू होने के दौरान ही वह विदेश दौरे पर निकल जाते हैं। हाल में ही राहुल संसद के मानसून सत्र के दौरान विदेश दौरे पर निकल गए थे। इसी सत्र के दौरान कृषि बिल भी पास किए गए थे जिसको लेकर आज किसान सड़कों पर है। किसानों का समर्थन राहुल गांधी कर रहे हैं लेकिन उस दिन वह गायब थे जिस दिन यह बिल संसद में पास किया गया। साल की शुरुआत में भी हमने देखा कि किस तरीके से राहुल गांधी विदेश दौरे पर निकल गए थे। यह दौरा उस समय हो रहा था जब पूरा विश्व कोरोना वायरस की चपेट में आ रहा था। माना जा रहा था कि उस समय भी राहुल गांधी इटली गए थे लेकिन इसको लेकर पार्टी ने कोई जानकारी नहीं दी थी।
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इसके अलावा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी छुट्टियां मनाने विदेश चले गए थे। वह उस समय भी अनुपस्थित रहे जब महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हो रहे थे और पार्टी मजबूती से लड़ने का दावा कर रही थी। उस समय यह दावा किया गया था कि राहुल गांधी बैंकॉक गए थे। जब महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो राहुल गांधी फिर एक बार विदेश यात्रा पर निकल गए। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा लेकिन राहुल को इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा और वह मेडिटेशनल ट्रिप के लिए विदेश चले गए। खास बात यह है कि इसी दौरान कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने के लिए आर्थिक मंदी, बेरोजगारी के अलावा कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही थी। राहुल उस दौरान भी विदेश में थे जब पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले थे। नवजोत सिंह सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी थी लेकिन राहुल न्यू ईयर पार्टी मनाने में व्यस्त थे।
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जब संसद में एसपीजी बिल पर चर्चा हो रही थी तब गृहमंत्री अमित शाह ने बताया था कि राहुल गांधी ने 2015 से लेकर अगले 4 सालों तक कम से कम 247 विदेश यात्राएं की थी। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि राहुल विदेश दौरों में कितना व्यस्त रहते हैं। राहुल के इसी रवैया ने एक बार फिर से भाजपा को उन पर प्रहार करने का एक अच्छा मौका दे दिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस एक ओर जहां 136वां स्थापना दिवस मना रही है, वहीं राहुल गांधी नौ दो ग्यारह हो गए हैं। भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने भी राहुल गांधी के विदेश दौरे पर तंज कसा है। गिरिराज ने कहा कि भारत में राहुल गांधी की छुट्टी खत्म हो गई है वह आज इटली वापस चले गए। आपको बता दें कि राहुल गांधी के रवैया पर कई बार सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी का विदेश जाना जाहिर सी बात है एक बार फिर से सवाल पैदा करता है। भाजपा उन्हें एक बार फिर से पार्ट टाइम पॉलीटिशियन बताएगी।
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