बीजेपी के 100 से कम सीटें जीतने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर का सर्वे कह रहा- हार रहीं ममता!
तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक का एक सर्वे सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस सर्वे में बीजेपी की जीत का दावा किया जा रहा है। बीजेपी समर्थक इस रिपोर्ट को शेयर कर किशोर और टीएमसी पर निशाना भी साध रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल यानी कल वोट डाले जाएंगे। इन सब के बीच सबकी नजर नंदीग्राम पर टिकी हैं। बंगाल में पहले लोगों की नजर कोलकाता में रहती थी कि राजनीतिक दल क्या कर रहे हैं। लेकिन इस बार के पूरे बंगाल चुनाव का एपिसेंटर नंदीग्राम हो गया। जिस नंदीग्राम ने ममता को राजनीति के गलियारों तक पहुंचाया और सत्ता का स्वाद भी चखाया। उसी नंदीग्राम में तृणमूल बैकफुट पर नजर आ रही है। ममता बनर्जी के घनिष्ठ सहयोगी और नंदीग्राम आंदोलन के अगुवा शुभेंदु अधिकारी के टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद से लगातार नंदीग्राम में टीएमसी और बीजेपी में हिंसक संघर्ष भी बढ़ गए हैं और सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी अपने चरम पर है। लेकिन इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल कि क्या ममता बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा सीट हार रही हैं?
This leaked image apparently of IPAC is being circulated on Social media which predicts BJP’s surge in phase 2 and shows Mamta losing Nandigram 😄
— ProNaMo (@ProNaMoSeva) March 30, 2021
Won’t be surprised if this comes true as well🔥 pic.twitter.com/Px6VFMhlOO
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तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक का एक सर्वे सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस सर्वे में बीजेपी की जीत का दावा किया जा रहा है। बीजेपी समर्थक इस रिपोर्ट को शेयर कर किशोर और टीएमसी पर निशाना भी साध रहे हैं। प्रशांत किशोर की कंपनी के लीक हुए सर्वे का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। नंदीग्राम में ममता बनर्जी के हारने के साथ ही विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में बीजेपी के बढ़त यानी 30 सीटों में से 23 सीटों पर जीत के दावे किए जा रहे हैं। ये दावे लीक हुए स्कीनशॉट में दिखाए गए आंकड़ों के आधार पर किया जा रहा है।
100 के पार गई बीजेपी तो ये काम छोड़ दूंगा
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ये दावा किया था कि बंगाल चुनाव में टीएमसी की जीत निश्चित है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी 100 सीटों का आंकड़ा पार करती है तो वो राजनीतिक रणनीतिकार का काम छोड़ देंगे। प्रशांत किशोर ने कहा था कि राज्य के कुछ हिस्सों में टीएमसी के खिलाफ गुस्सा हो सकता है लेकिन अभी भी ममता बनर्जी ही सबसे बड़ा और विश्वसनीय चेहरा हैं।
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पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर 2014 के चुनाव के बाद सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने नरेंद्र मोदी के पॉलिटिकल कैंपेन का जिम्मा संभाला था। प्रचंड मोदी लहर ने प्रशांत किशोर को एक पहचान दी और वो बिगड़ते समीकरण की पहचान रखने वाले चुनावी मैनेजर के रूप में उभर कर सामने आएं। हालांकि ऐसा नहीं है कि हर बार उनका अंदेशा राजनीति में सटीक ही बैठा। ये किशोर ही थे जिन्होंने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा का गठजोड़ करा यूपी को साथ पसंद है का नारा दिया। लेकिन जनता से कांग्रेस को सात सीटें प्राप्त हुई। बिहार में नीतीश कुमार और लालू यादव को साथ लाकर महागठबंधन बनवाया। लेकिन इन सब के बीच एक चीज जो साफ प्रतीत होती है कि प्रशांत किशोर का मैनेजमेंट तभी कारगर सिद्ध होता है जब उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति विशेष को मैनेज करना हो जो जनता के बीच लोकप्रिय हो। वहीं अगर उन्हें कोई अलोकप्रिय प्रोडक्ट सौप दिया जाए तो वह उसे जनता के बीच स्थापित कर पाने में असफल हो जाते हैं।
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