ममता ने मंच से बताया अपना गोत्र, गिरिराज ने बताया हार का डर, ओवैसी बोले- हमारा क्या?
ममता बनर्जी ने नंदीग्राम की रैली में बकायदा अपना गोत्र बताया। ममता बनर्जी के गोत्र कार्ड पर पश्चिम बंगाल में जबरदस्त घामासान छिड़ गया है। बीजेपी ने ममता बनर्जी को निशाने पर लिया है।
पश्चिम बंगाल का सियासी संग्राम हर दिन एक नया अध्याय लिख रहा है। बंगाल की सबसे हॉट बैटल फिल्ड नंदीग्राम में कल वोटिंग होनी है। उससे पहले नंदीग्राम की लड़ाई गोत्र पर आ गई है। चंडी पाठ के बाद अब ममता बनर्जी ने हिंदू वोट के लिए गोट्र कार्ड खेला। ममता बनर्जी ने नंदीग्राम की रैली में बकायदा अपना गोत्र बताया। ममता बनर्जी के गोत्र कार्ड पर पश्चिम बंगाल में जबरदस्त घामासान छिड़ गया है। बीजेपी ने ममता बनर्जी को निशाने पर लिया है। गिरिराज सिंह का कहना है कि चुनाव में हार से ममता इतनी डर गई हैं कि गोत्र बताने की नौबत आ गई। वहीं एआईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए पूछा कि जो जनेऊधारी नहीं हैं, उनका क्या?
मैं शांडिल्य हूं: ममता
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने मंदिर का दौरा किया जहां पुजारी ने मेरा गोत्र पूछा, मैंने कहा माँ, माटी, मानुष। यह मुझे मेरी त्रिपुरा के त्रिपुरेश्वरी मंदिर की याद दिलाता है, जहां पुजारी ने मुझसे मेरा गोत्र पूछा और मैंने मां, माटी, मानुष कहा था, वास्तव में मैं शांडिल्य हूं।
Mamata pulls out 'Gotra' card, says, 'I am Shandilya'
— ANI Digital (@ani_digital) March 30, 2021
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गिरिराज बोले- हार से डर गईं
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे तो कभी गोत्र बताने की ज़रूरत नहीं पड़ी, मैं तो लिखता हूं। लेकिन ममता बनर्जी चुनाव हारने के डर से गोत्र बताती हैं। ममता बनर्जी अब आप मुझे बात दीजिए कि कहीं रोहिंग्या और घुसपैठियों का गोत्र भी शांडिल्य तो नहीं है। उनका हारना तय है।
ओवैसी ने साधा निशाना
असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जो लोग शांडिल्य या जनेऊधारी नहीं हैं, किसी भगवान के भक्त नहीं हैं या कोई पाठ या चालीसा नहीं करते हैं उनका क्या? ओवैसी ने ट्वीट किआ कि हर पार्टी को लगता है कि उसे जीतने के लिए खुद को हिन्दू दिखाना जरूरी है। ये नियमों के खिलाफ है, अपमानजनक है और सफल नहीं होने वाला है।
What should happen to people like me who aren’t Shandilya or Janeudhari, aren’t bhakts of certain gods, don’t recite Chalisa or any Path? Every party feels that it has to show its Hindu credentials to win. Unprincipled, insulting & unlikely to succeedhttps://t.co/FwbuEITnrb
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 31, 2021
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