Malegaon blast case में बढ़ गई प्रज्ञा सिंह ठाकुर की मुश्किलें, विशेष NIA Court ने जारी किया वारंट

pragya singh thakur
प्रतिरूप फोटो
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रितिका कमठान । Nov 14 2024 11:07AM

इस मामले में सुनवाई के दौरान विशेष सत्र न्यायाधीश लाहोटी ने ठाकुर द्वारा 13 नवंबर तक अदालत में पेश होने के पिछले सप्ताह के निर्देश का पालन नहीं करने पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर 10,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ नया वारंट जारी हो गया है। विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने उनके खिलाफ ये वारंट जारी किया है। अंतिम दलीलों के लिए उपस्थित नहीं होने पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ 13 नवंबर को नया जमानती वारंट जारी किया गया है।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की नेता ठाकुर पर उस विस्फोट का आरोप है जिसमें छह लोगों की जान चली गई थी। इस ब्लास्ट में लगभग 101 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस मामले में सुनवाई के दौरान विशेष सत्र न्यायाधीश लाहोटी ने ठाकुर द्वारा 13 नवंबर तक अदालत में पेश होने के पिछले सप्ताह के निर्देश का पालन नहीं करने पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर 10,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया। वारंट पर रिपोर्ट के लिए मामले को 2 दिसंबर तक स्थगित कर दिया गया है।

वहीं 5 नवंबर को जारी पिछले जमानती वारंट में अदालत ने कहा था कि मामला अंतिम सुनवाई के चरण में होने के बावजूद ठाकुर 4 जून, 2024 से अनुपस्थित हैं। अदालत ने छूट के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिसमें उन्होंने शरीर से विषैले तत्वों को निकालने के लिए चल रहे आयुर्वेदिक उपचार का हवाला दिया था। 

गौरतलब है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कई बार स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देकर अदालत में पेश होने से छूट ली है। मार्च 2024 में, उनकी अनुपस्थिति के बाद इसी तरह का एक ज़मानती वारंट जारी किया गया था, लेकिन अदालत में पेश होने के बाद उस पर रोक लगा दी गई थी। मालेगांव मामले में जुलाई में बहस का अंतिम चरण शुरू हुआ है। अभियोजन पक्ष ने 323 गवाहों की जांच के बाद सितंबर 2023 में सात आरोपियों के खिलाफ अपनी गवाही पूरी कर ली।

यह विस्फोट 29 सितंबर, 2008 को हुआ था, जब मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर नासिक जिले के मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर लगे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हो गया था। एनआईए की जांच में पता चला कि मोटरसाइकिल का मालिक ठाकुर थी।  एनआईए, जिसने गृह मंत्रालय के निर्देश पर अप्रैल 2011 में जांच का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था, ने आरोपपत्र में ग्यारह संदिग्धों के नाम दर्ज किये थे, जिनमें ठाकुर, सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय और सेवारत सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित शामिल थे।

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