MSME के दायरे में खुदरा एवं थोक व्यापारी, PM मोदी बोले- कारोबारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध
खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने के फैसले के कारण खुदरा और थोक व्यापारियों को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा। इससे ये क्षेत्र भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत ऋण का लाभ उठा सकेंगे।
देश की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए खुदरा और थोक व्यापारियों को राहत दी थी। इस फैसले के तहत खुदरा एवं थोक व्यापारियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों के तहत लाने का फैसला किया गया था। इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को दी थी। अब इसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे फैसले को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि उनकी सरकार इस समुदाय को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबंध है। खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने के फैसले के कारण खुदरा और थोक व्यापारियों को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा। इससे ये क्षेत्र भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत ऋण का लाभ उठा सकेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि हमारी सरकार ने खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई में शामिल करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने में मदद मिलेगी। उन्हें कई अन्य लाभ मिलेंगे और उनके कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। हम हमारे व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस फैसले ने 250 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले छोटे खुदरा एवं थोक विक्रेताओं पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा और उन्हें आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं के तहत तत्काल ऋण मिल सकेगा।Our government has taken a landmark step of including retail and wholesale trade as MSME. This will help crores of our traders get easier finance, various other benefits and also help boost their business.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 3, 2021
We are committed to empowering our traders. https://t.co/FTdmFpaOaU
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खुदरा तथा थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के दायरे में लाने के सरकार के फैसले को उद्योग संगठनों ने ‘ऐतिहासिक’करार दिया है। उसका कहना है कि इससे खुदरा और थोक व्यापार को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा। इससे पहले शुक्रवार को दिन में केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने की घोषणा की।
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