कमलनाथ जैसी झूठ मंडली और दिग्विजय सिंह जैसे जयचंद को जनता जवाब देगीः विष्णुदत्त शर्मा
कमलनाथ ने गरीबों से उनके मकान छिने हैं, लेकिन इनको आईफा अवार्ड की चिंता थी। ये प्रदेश की धरती पर करोड़ों रूपए खर्च करके आईफा अवार्ड कराने की तैयारी में थे। इसके लिए इन्होंने उद्योगपतियों को भी लूटा है। उद्योगपतियों से उद्योग लगाने के नाम पर कमलनाथ ने जमकर पैसा लूटा है।
इंदौर। प्रदेश की जनता से 15 माह तक छल-कपट और झूठ बोलकर सरकार चलाने वाले कमलनाथ और देश-प्रदेश के सबसे बड़े जयचंद दिग्विजय सिंह को जनता जानती है। इनके कर्मों के कारण ही आज प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं और अब इस छल-कपटी औैर झूठ मंडली को जबाव जनता ही देगी। इस झूठ मंडली ने गरीब, किसानों का मजाक उड़ाया है। इन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नंगा-भूखा कहकर पूरे प्रदेश की जनता को नंगा-भूखा कहा है। ये ही कांग्रेस के संस्कार हैं। ये बातें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कही। वे शुक्रवार को सांवेर में संकल्प पत्र का विमोचन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से भी चर्चा की।
प्रदेश अध्यक्ष ने इसके बाद बदनावर, सुवासरा में भी सभा को संबोधित किया।
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ उद्योगपति होने का गुरूर औैर दंभ भर रहे हैं। वे प्रदेश की जनता एवं किसानों को तो कुछ समझते ही नहीं थे, लेकिन उन्होंने अब कहा है कि श्री शिवराज सिंह चौहान तो पत्रकारों से भी मिलते हैं औैर उनके घर भी जाते हैं, लेकिन मैं कमलनाथ हूं, किसी के घर क्यों जाउं। उन्होंने कहा कि यह कमलननाथ का गुरूर औैर दंभ ही है, जो अब उनके अंदर से बाहर निकल रहा है। इन दंभी और गुरूर पालने वाले उद्योपगति को तो प्रदेश की जनता ही जबाव देगी, जिसका इन्होंने नंगा-भूखा कहकर अपमान किया है। विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि अब कमलनाथ प्रदेश की जनता से पूछ रहे हैं कि उनका क्या कसूर था, उनसे क्या गलती हुई? कमलनाथ आपने 15 माह तक गलतियों के अलावा कुछ किया ही नहीं। आप हमारे गरीब किसान के बेटे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नंगा-भूखा कह रहे हो, जो गरीब और किसानों का दर्द समझता है, महिलाओें-बहनों का दर्द समझता है। गरीबों के अंतिम संस्कार के लिए उन्हें पांच हजार रूपए की मदद करता है, उनकी दुर्घटना पर 2 लाख औैर उनकी मौत पर 4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता उनके परिवार को देता है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कमलनाथ आपका पहला कसूर तो यह है कि किसानों की कर्जमाफी का वादा करके भी उनका कर्जमाफ नहीं किया।
विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि भाजपा की सरकार ने सहरिया, भारिया और बैगा जनजातियों के भरण-पोषण के लिए उनके खातों में एक हजार रूपए डलवाना शुरू किया था, जो कांग्रेस की सरकार ने बंद कर दिया। संबल जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू की थी, जिसको भी इनकी सरकार ने बंद कर दिया। बुजुर्गों को तीर्थदर्शन कराने के लिए योजना शुरू की थी, जिसे भी कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया। ऐसी एक नहीं कई योजनाएं थीं, जिन्होंने कांग्रेस ने बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 माह कांग्रेस का शासनकाल रहा, लेकिन इन 15 माह में जमकर लूट-खसोट और बंदरवाट के अलावा कुछ नहीं हुआ।
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विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कमलनाथ ने गरीबों के मकानों की चिंता तो कभी नहीं की। इनके कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब 2 लाख 43 हजार घर आए, लेकिन इन्होंने 25 प्रतिशत मेचिंग ग्रांट नहीं भरी तो गरीबों के मकान चले गए। कमलनाथ ने गरीबों से उनके मकान छिने हैं, लेकिन इनको आईफा अवार्ड की चिंता थी। ये प्रदेश की धरती पर करोड़ों रूपए खर्च करके आईफा अवार्ड कराने की तैयारी में थे। इसके लिए इन्होंने उद्योगपतियों को भी लूटा है। उद्योगपतियों से उद्योग लगाने के नाम पर कमलनाथ ने जमकर पैसा लूटा है। ये गरीबों का खून चूसकर छिंदवाड़ा के अंदर उद्योगपति बने हैं। जब ये छिंदवाड़ा आए थे तो इनके पास क्या था, लेकिन ये छिंदवाड़ा से अरबपति बने हैं। शर्मा ने कहा कि जब प्रदेश में कोरोना वायरस सक्रिय था, लेकिन इन्होंने कोरोना की चिंता नहीं की, बल्कि भोपाल में बैठकर आईफा अवार्ड की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि अब कमलनाथ अकेले घंटी बजा रहे हैं, वे अब जनता के सामने किस मुंह से जाएं। उनके हालात ऐसे हैं कि अब वे जनता के सामने जा ही नहीं सकते।
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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दिग्विजय सिंह सबसे बड़े जयचंद हैं। वे आतंकवादियों को जी कहकर संबोधित करते हैं, उनका सहयोग करते हैं। वे जबाव दें कि बटाला मामले में उनका क्या स्टैंड था? क्या ऐसे जयचंद को प्रदेश की जनता, देश की जनता माफ करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 माह मुख्यमंत्री तो कमलनाथ रहे, लेकिन पर्दे के पीछे से सरकार चलाने का काम दिग्विजय सिंह ने किया। अब कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों जबाव दें कि उन्होंने प्रदेश के गरीबों, किसानों, माता-बहनों, बुजुर्गों के हकों को क्यों छीना? उनके लिए चलाई जा रही भाजपा सरकार की योजनाओं को क्यों बंद किया? संबल योजना के जरिए गरीबों को दुर्घटना पर 2 लाख और मौत पर 4 चार रूपए की राशि देने का काम क्यों बंद किया? इनके पास कोई जबाव ही नहीं है। प्रदेश को 2003 से पहले बंटाढार बनाने वाले दिग्विजय सिंह ने 15 माह में भी प्रदेश को बंटाढार बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
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