Birthday Special: परिवार से विरासत में मिली राजनीति को आगे बढ़ा रहे उमर अब्दुल्ला, जन्मदिन पर जानें कुछ खास बातें

Omar Abdullah
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उमर अब्दुल्ला परिवार की राजनीति को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। वह अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं। बता दें कि उनके दादा शेख अब्दुल्ला और पिता फारुख अब्दुल्ला दोनों ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर की राजनीति में परिवारवाद का खूब बोलबाला रहा है। जब कभी भी कश्मीर की राजनीति का जिक्र किया जाएगा तो उसमें अब्दुल्ला परिवार का नाम जरूर शामिल होगा। ब्रिटेन में जन्मे उमर अब्दुल्ला को राजनीति विरासत में मिली है। उनके दादा और पिता दोनों ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उनके बाद उमर अब्दुल्ला ने अपनी राजनीतिक विरासत को आगे संभालने का काम किया है। उमर अब्दुल्ला के पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला तीन बार जम्मू-कश्मीर के सीएम रहे। बता दें कि आज ही के दिन 10 मार्च को उमर अब्दुल्ला का जन्म हुआ था। आइए उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उमर अब्दुल्ला के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें...

जन्म और शिक्षा

अब्दुल्ला परिवार के वंशज उमर अब्दुल्ला का जन्म 10 मार्च 1970 को ब्रिटेन में हुआ था। उमर अब्दुल्ला राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके दादा शेख अब्दुल्ला और पिता फारूख अब्दुल्ला दोनों राजनीति में सक्रिय रह चुके हैं। उमर अब्दुल्ला की मां का नाम मोली है वह एक ब्रिटिश महिला थीं। श्रीनगर के बर्न हॉल स्कूल और लॉरेंस स्कूल सनवर से उमर अब्दुल्ला ने अपनी शुरआती पढ़ाई पूरी की। इसके बाद मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया और एमबीए करने के लिए उमर ने यूके के स्ट्रैथक्लाइड विश्वविद्यालय में एडमिशन ले लिया। भारत वापस लौटने के बाद उमर ने कुछ समय तक मुंबई में आईटीसी के साथ काम किया है।

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राजनीतिक करियर

साल 1998 में वह अपने परिवार के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में शामिल हो गए। महज 28 साल की उम्र में उमर ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और फिर साल 1999 में उन्हें 13वीं लोकसभा में भी जीत मिली। इस दौरान वह केंद्र में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनें। हालांकि पार्टी के कामकाज को ध्यान में रखते हुए उन्होंने साल 2002 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं इसी वर्ष से वह पिता फारुख अब्दुल्ला की जगह नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने लगे। 

राजनीतिक सफर

पिता की जगह अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे उमर अब्दुल्ला को गंदेरबल से विधानसभा चुनाव हार का सामना करना पड़ा। लेकिन साल 2006 में वह पार्टी के अध्यक्ष के रूप में फिर से चुने गए और साल 2008 में उन्होंने गंदेरबल से विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल कर कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन सरकार बनाई। इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के 11 में मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। हालांकि वह साल 2015 तक ही जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे।

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