कर्नाटक में किसान लड़कों को नहीं मिल रही दुल्हन, 105 किलोमीटर की यात्रा कर 200 कुंवारे लगाएंगे भगवान से गुहार
कर्नाटक में अनोखा मामला सामने आया है। यहां 200 लड़कों को 30 वर्ष की उम्र बीतने के बाद भी शादी के लिए लड़की नहीं मिल रही है। अब लड़कों ने फैसला किया है कि वो भगवान के दर पर जाकर अपनी लिए योग्य दुल्हन देने की गुहार लगाएंगे।
टीवी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा का फेमस कैरेक्टर पोपटलाल तो सभी को याद होगा, जो अपनी शादी के लिए लड़की की तलाश में दुल्हनियां सालों से ढूंढ रहे है। पोपट लाल को दुल्हन के लिए तरसते हुए देखने में काफी मजा आता है मगर जिनके ऊपर असल में ये पीड़ा गुजरती है वो काफी परेशान रहते है।
शादी के लिए कर्नाटक में भी एक या दो नहीं बल्कि पूरे 200 लड़के हैं जो पोपटलाल की तरह ही दुल्हन की तलाश में है मगर उन्हें दुल्हन नहीं मिल रही है। दुल्हन को पाने आस में अब राज्य के 200 लड़कों ने भगवान की शरण में जाने का फैसला किया है। राज्य के 200 कुंवारे युवा अब 105 किलोमीटर की पदयात्रा निकालने के लिए तैयार है। सभी इस पदयात्रा को निकाल कर महादेश्वर मंदिर जाएंगे। इस पदयात्रा को ब्रह्मचारीगल पदयात्रा नाम दिया गया है। इस मंदिर की ऊंचाई समुद्र तल से 3200 फीट है, जो कर्नाटक का लोकप्रिय स्थल है।
इस कारण शादी नहीं कर रही लड़कियां
इस यात्रा को निकालने में कई युवा शामिल है। युवाओं का कहना है कि गांव की लड़कियां बड़े शहरों में रहने वाले लड़कों से शादी करने की इच्छुक है। एक युवा जो बीते 4-5 वर्षों से शादी करने के लिए लड़की की तलाश में है, ने बताया कि शादी के लिए कई जगह बात हुई। मगर लड़कियां शहर में रहने वाले लड़कों से शादी करना चाहती है। किसानी करने वाले और गांव में रहने वाले युवाओं से लड़कियां शादी करने में दिलचस्पी नहीं दिखाती है।
बता दें कि ये पदयात्रा 23 फरवरी को निकाली जाएगी। इस पदयात्रा को निकालने की तैयारियां की जा रही है। इस यात्रा की शुरुआत मद्दुर तालुका के केएम डोड्डी गांव से होगी। इस यात्रा में शामिल होकर सभी शादी इच्छुक लड़के 25 फरवरी को महादेश्वर मंदिर पहुचेंगे। इस यात्रा में कई जिलों जैसे मांड्या, मैसूर, शिवमोग्गा और चामराजनगर के कुंवारे पुरुषों ने शामिल होने की इच्छा जताई है।
ये है शादी ना होने का कारण
दरअसल गांव में लड़कियों के परिजनों का मानना है कि किसानों की आमदनी लगातार गिरती जा रही है। किसानी करने वाले युवाओं के पास पर्याप्त साधनों की कमी है। उनकी आमदनी जीवन यापन करने के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में लड़कियों के परिवार वाले अपनी बेटियों की शादी ऐसे घर में नहीं करना चाहते जहां उनके भविष्य पर खतरा मंडराता रहे।
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