गुजरात में बीजेपी के साथ लंबा सफर तय करने वाली Nimuben Bambhaniya को मोदी कैबिनेट में मिली जगह
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भावनगर सीट से पहली बार संसद का रास्ता तय करने वाली निमुबेन बांभणिया को नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है। सरकार में उन्हें उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया है। निमुबेन बांभणिया के सामने आप नेता उमेशभाई खड़े थे जिन्हें बीजेपी नेता ने 455289 वोटों से हराया है।
गुजरात की भावनगर सीट से पहली बार संसद का रास्ता तय करने वाली निमुबेन बांभणिया को नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है। सरकार में उन्हें उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया है। निमुबेन बांभणिया के सामने आप नेता उमेशभाई खड़े थे जिन्हें बीजेपी नेता ने 455289 वोटों से हराया है। सीट पर जीत हासिल करने वाली निमुबेन को कुल 716883 वोट मिले। पेशे से टीचर रहीं निमुबेन तलपड़ा कोली समाज से आती हैं। निमुबेन बाभंणिया का राजनीतिक करियर भी शानदार रहा है। वह समाज में बदलाव लाने के उद्देश्य से टीचिंग भी करती आई हैं।
निमुबेन बाभंणिया का जन्म 8 सितंबर 1966 को हुआ था। उनकी उम्र 57 साल है और उनके पति का नाम जयंतीभाई बाभंणिया है। शैक्षिक योग्यता की बात करें उन्होंने गणित एवं विज्ञान के क्षेत्र में बीएसी और बीएड की हुई है। पेशे से वह टीचर रही हैं और उन्हें एग्रीकल्चरिस्ट भी कहा जाता है। एक प्रसिद्ध राजनेता होने के अलावा निमुबेन बाभंणिया एक सोशल वर्कर भी रही हैं। उनकी छवि शांत, आदर्श और सरल है। पेशे के शिक्षिका रहीं निमुबेन और उनके पति स्कूल चलाते हैं। उनके पति को शिक्षक बताया जाता है। मेयर बनने के बाद निमुबेन ने सरकारी वाहनों के इस्तेमाल के खिलाफ फैसला लिया था। यहां तक उनके परिवार के सदस्यों को भी उनके कार्यालय में आने की इजाजत नहीं थी।
साल 2005 से 2020 तक निमुबेन बाभंणिया तीर बार पार्षद रही हैं। वह घोघो सर्कल वार्ड नंबर 13 की काउंसलर रही हैं। निमुबेन 2009 से 2010 और 2015 से 2018 तक भावनगर की मेयर भी रहीं। इसके अलावा निमुबेन ने साल 2011 से 2016 के बीच कोली विकास निगम के निदेशक की भूमिका भी निभाई। वह गुजरात ठाकोर के लिए भी काम कर चुकी हैं। साल 2011 से 2013 तक अमरेली, 2013 से 2019 तक सुरेंद्रनगर, 2019 से 2020 तक भावनगर, 2021 से 2023 तक सुरेंद्रनगर और साल 2023 में जूनागढ़ की प्रभारी के रूप में काम किया। जूनागढ़ की प्रभारी रहते हुए उन्होंने अपनी सीट पर चुनाव लड़ा और कार्यक्रमों को सफल बनाने की जिम्मेदारी निभाई।
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