केंद्र सरकार ने राजद्रोह कानून का किया बचाव, कहा- इस पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि 5 जजों की संविधान पीठ के मामले में 1962 का फैसला बाध्यकारी है और एक अच्छा कानून बना हुआ है। केंद्र सरकार ने आगे कहा कि इस पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है। केंद्र का कहना है कि 5 जजों की बेंच का फैसला समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
नयी दिल्ली। राजद्रोह की वैधता को चुनौती देने के मामले में केंद्र सरकार ने कानून का बचाव किया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 5 जजों की संविधान पीठ के मामले में 1962 का फैसला बाध्यकारी है और एक अच्छा कानून बना हुआ है। केंद्र सरकार ने कहा कि इस पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है।
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि 5 जजों की संविधान पीठ के मामले में 1962 का फैसला बाध्यकारी है और एक अच्छा कानून बना हुआ है। केंद्र सरकार ने आगे कहा कि इस पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है। केंद्र का कहना है कि 5 जजों की बेंच का फैसला समय की कसौटी पर खरा उतरा है और आधुनिक संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप आज तक लागू है।
केंद्र का कहना है कि तीन जजों की बेंच आईपीसी (देशद्रोह) की धारा 124ए की संवैधानिकता को कानूनी चुनौती पर सुनवाई नहीं कर सकती है। ऐसे में कानून को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि वह राजद्रोह पर औपनिवेशिक युग के दंड कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 10 मई को सुनवाई करेगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया था।
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दरअसल, केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से कुछ और समय देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि चूंकि यह मुद्दा अत्यधिक महत्वपूर्ण है इसलिए जवाब दाखिल करने के लिए वकीलों द्वारा तैयार किए गए मसौदे पर सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।
Sedition Law| Centre has told SC that 1962 verdict of 5-judge Constitution bench case is binding&continues to be a good law & needs no reconsideration. Centre says 5-judge bench judgement has stood the test of time & applied till date in tune with modern constitutional principles pic.twitter.com/3abVkpNB5K
— ANI (@ANI) May 7, 2022
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