नर्मदा जयंती पर मनाया जाएगा नर्मदापुरम उत्सव, सीएम शिवराज करेंगे नए नाम की औपचारिक घोषणा

Narmadapuram utsav
सुयश भट्ट । Feb 8 2022 11:28AM

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह मां नर्मदा जी का अभिषेक व पूजन, आरती करेंगे। और इसके बाद नर्मदापुरम का नामकरण उत्सव मनाया जाएगा। नर्मदापुराम का नामकरण के मुख्य कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 4 स्थानों पर बड़ी LED के माध्यम से होगा।

भोपाल। आज पूरा देश नर्मदा जयंती मना रहा है। प्राचीन नर्मदा मंदिर में मां नर्मदा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मां नर्मदा के जन्मोत्सव के लिए नर्मदापुरम सजकर तैयार है। मां रेवा के ऐतिहासिक सेठानी घाट को भव्‍य तौर पर सजाया गया है। नर्मदा तटों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। और इसके साथ ही शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर भी साज-सज्जा की गई है।

वहीं मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह मां नर्मदा जी का अभिषेक व पूजन, आरती करेंगे। और इसके बाद नर्मदापुरम का नामकरण उत्सव मनाया जाएगा। नर्मदापुराम का नामकरण के मुख्य कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 4 स्थानों पर बड़ी LED के माध्यम से होगा। जय स्तंभ चौक, इंदिरा चौक, पर्यटन घाट, सतरस्ता पर LED लगाई गई है।

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नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि होशंगाबाद का नाम अब नर्मदापुरम हो गया है। इस बारे में राजस्व विभाग द्वारा नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय से प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र के अनुसरण पर राज्य शासन द्वारा होशंगाबाद जिले और नगर का नाम परिवर्तित कर तत्काल प्रभाव से ‘नर्मदापुरम’ किया गया है।

इसी कड़ी में CMO शैलेंद्र बड़ोनिया ने कहा कि मंगलवार सुबह 10.30 बजे प्राचीन नर्मदा मंदिर में मां नर्मदा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। दोपहर 3.30 बजे नर्मदा मंदिर, मोरछली चौक से सेठानी घाट तक शोभायात्रा निकाली जाएगी। और शाम 6 बजे जलमंच से मुख्य अतिथि अभिषेक और महाआरती करेंगे।

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आपको बता दें कि प्रदेश सरकार की एक वेबसाइट के अनुसार होशंगाबाद का नाम मालवा के दूसरे राजा गोरी वंश के होशंगशाह के नाम पर पड़ा था। होशंगशाह ने इसे जीता था इसका पुराना नाम नर्मदापुर था।

हालांकि प्राचीन इतिहास में होशंगाबाद जिले का कोई उचित विवरण नहीं है। ऐतिहासिक अभिलेखों में सबसे पहले इसका नाम 1405 ईस्वी में सुल्तान होशंगशाह गोरी के शासनकाल के दौरान सामने आया। होशंगशाह ने होशंगाबाद के साथ दो अन्य जगहों हंडिया और जोगा में छोटे किले बनवाए।

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