संघ का काम भारत को समृद्ध, ‘विश्व गुरु’ बनाएगा : भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख

Sangh
प्रतिरूप फोटो
ANI

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने विदेशों में रह रहे संघ के सदस्यों से भारत को समृद्ध और विश्व गुरु बनाने के लिए पूरी मेहनत से काम करने की अपील की। भागवत ने यहां शनिवार को आरएसएस के ‘‘विश्व संघ शिक्षा वर्ग’’ (विश्व प्रशिक्षण शिविर) के समापन सत्र में को संबोधित किया। इस शिविर में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से संघ के सदस्यों ने भाग लिया।

भोपाल, 7 अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने विदेशों में रह रहे संघ के सदस्यों से भारत को समृद्ध और विश्व गुरु बनाने के लिए पूरी मेहनत से काम करने की अपील की। भागवत ने यहां शनिवार को आरएसएस के ‘‘विश्व संघ शिक्षा वर्ग’’ (विश्व प्रशिक्षण शिविर) के समापन सत्र में को संबोधित किया। इस शिविर में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से संघ के सदस्यों ने भाग लिया। भागवत ने कहा, ‘‘संघ का काम भारत वर्ष को समृद्ध बनाएगा और इससे भारत विश्व गुरु बनेगा।’’

उन्होंने पुरुषों और महिला स्वयंसेवकों से उन देशों में चमकने और उत्कृष्टता प्राप्त करने और वहां के लोगों के लिए आदर्श बनने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘‘स्वयंसेवक दूसरे देशों में वहां भी सेवा कर रहे हैं। स्वयंसेवक जहां जहां गए उस देश की संपत्ति बन गए हैं। उनको देखकर दुनिया भी उनका अनुसरण करेगी और एक नए वातावरण एवं सुखी दुनिया का उदय होगा।’’ शिविर में ब्रिटेन सहित 15 देशों के आठ स्वयं सेवकों और 13 देशों की 31 महिला स्वयं सेवकों ने भाग लिया। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा कि संघ हर दो से तीन साल में विदेशों में अपने सदस्यों के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता है। इस तरह का पहला शिविर 1992 में बेंगलुरु में आयोजित किया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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