मिजोरम: साइबर अपराध में वित्तीय धोखाधड़ी सबसे आगे

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रिकॉर्ड के अनुसार, 2022 में वित्तीय अपराध के सबसे अधिक 107 मामले दर्ज किए गए। पुलिस ने वर्ष 2021 से 11 मार्च 2025 के बीच घटे वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में 1.42 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की।

मिजोरम में वित्तीय धोखाधड़ी सबसे आम साइबर अपराधों में शुमार है और जनवरी 2020 से इस साल 11 मार्च के बीच दर्ज 321 मामलों में से 56.38 प्रतिशत मामले इसी अपराध से संबंधित हैं। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

राज्य साइबर अपराध थाने के रिकार्ड के अनुसार, इस अवधि के दौरान वित्तीय अपराधों, मुख्य रूप से ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी और जालसाजी कर धोखाधड़ी के कुल 181 मामले दर्ज किए गए।

अन्य अपराधों में चोरी के 32 मामले, बाल पोर्नोग्राफी के 16 मामले, सोशल मीडिया उत्पीड़न के नौ, ‘कॉपीराइट’ नियमों के उल्लंघन के सात, झूठी अफवाहें फैलाने के पांच और हैकिंग का एक मामला शामिल है।

रिकॉर्ड के अनुसार, 2022 में वित्तीय अपराध के सबसे अधिक 107 मामले दर्ज किए गए। पुलिस ने वर्ष 2021 से 11 मार्च 2025 के बीच घटे वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में 1.42 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की।

रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य में 2022 में साइबर अपराध के सबसे अधिक 158 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2023 में 72 मामले दर्ज किए गए थे। यहां 2024 में साइबर अपराध के मामलों की संख्या घटकर 41 रही और इनमें से 17 वित्तीय अपराधों जबकि 15 यौन उत्पीड़न से संबंधित मामले रहे।

इस साल 11 मार्च तक साइबर अपराध के 13 मामले दर्ज किये गये, जिनमें से छह यौन उत्पीड़न और चार वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित थे। रिकॉर्ड में कहा गया है कि 2021 से अब तक साइबर अपराध के मामलों में आठ किशोरों सहित 113 लोगों को पकड़ा गया और उनमें से 40 को दोषी ठहराया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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