All Eyes on Kashmir! आतंकियों ने तो सिर्फ मोदी से बताने को बोला था, एकसाथ आ खड़े हुए 3 भाई, तीनों तबाही

All Eyes on Kashmir
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अभिनय आकाश । Apr 23 2025 3:53PM

जम्मू कश्मीर का आतंकवाद से रिश्ता कोई नया तो नहीं है, काफी पुराना है। लेकिन 22 अप्रैल को जो पहलगाम में हुआ उससे एक नया अध्याय एक नया चैप्टर इस लंबे इतिहास में जुड़ जाता है और वो है कि अब सिविलियन्स और टूरिस्ट तक को बख्शा नहीं जा रहा है।

प्रभु देवा की वांटेड में सबसे रोमांचक क्षण जब गनी भाई (प्रकाश राज) श्रीकांत शेखावत (विनोद खन्ना) से राजवीर शेखावात के बारे में पूछता है और नहीं बताए जाने पर उसे मारते हुए कहता है कि तेरी मौत के बाद तो वो आएगा ना? फिर सलमान की धांसू एंट्री और पुलिस का पूरा काफिला उनके पीछे भागता नजर आता है और शुरू होता है। ऊंगली तोड़, चेहरा मोड़, बंद पड़े कारखाने में तोड़फोड़ बैकग्राउंड में वांटेड का टाइटल ट्रैक सलमान खान के इस एक्शन पर सीटी ताली नहीं मारी तो जिंदा नहीं हो तुम! लेकिन रील लाइफ से निकलकर रियल लाइफ में आए तो जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर 3:00 बजे जो कुछ हुआ उसने इंसानियत को तार तार कर दिया। मानवता को शर्मसार कर दिया। भारत की एकता को लेकर सवाल खड़ा कर दिया। गंगा जमुनी तहजीब पर एक बड़ा सा क्वेश्चन मार्क खड़ा कर दिया लेकिन 28 लोगों की मौत किस तरह हुई है, यह आप जानेंगे तो आपकी रूह कांप जाएगी। इंसानियत से आपका विश्वास उठ जाएगा। उससे भी हैरान करने वाली वो घटना है जब आतंकी पति को मारते हुए पत्नी को छोड़ते हुए कहता है कि मोदी से जाकर बताना। आतंकियों ने तो मोदी को जाकर बताने को कहा था लेकिन इस घटना के बाद जो हुआ वो आने वाले तूफान से पहले का संकेत जरूर दे रहे हैं। 

फर्ज करो सुपरमैन बैटमैन और स्पाइडर-मैन जब साथ आ जाएं तो मार्वेल और वार्न ब्रदर्स की हिट सीरिज न जाए। सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान के एक साथ आने की बात भर से पूरा शरीर रोमांचित हो जाए।लेकिन क्या हो अगर विश्व के सबसे ताकतवर मुल्क के अगुआ डोनाल्ड ट्रंप, फिक्र को धुएं में उड़ने विश्व में युद्ध का नया मोर्चा खोलते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और एक उभरती महाशक्ति और ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले नरेंद्र मोदी एक साथ किसी मुद्दे पर आ खड़े हो जाए। तो आप भी कह उठेंगे तीन भाई तीनों तबाही।  कश्मीर पर अटैक के बाद इंटरनेशनल रिएक्शंस कि अगर बात करें तो जेडी वेंस ऑलरेडी भारत में थे और उन्होंने भी ट्वीट करके अपना शोक जताया। ट्रम्प भारत के साथ खड़े हैं उन्होंने बात साफ कर दी। व्लादिमीर पुतिन का भी मैसेज आता है कि ये एक सेंसल्स किलिंग था। कुल मिलाकर कहे तो पूरी इंटरनेशनल कम्युनिटी भारत के साथ खड़ी हुई है। 

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जाओ और जाकर मोदी से इसके बारे में बताओ

मंजूनाथ अपनी पत्नी पल्लवी के साथ लाखों सैलानियों की तरह जम्मू कश्मीर को रि-डिस्कवर करने आए थे। धारा 370 हटने के बाद वादियों में जाकर टूरिज्म का आनंद लोग उठा रहे थे। इसके बाद जो होता है वो अपने आप में हैरान करने वाला है। शिवमोगा के रहने वाले रियल एस्टेट बिजनेसमैन एक वीडियो में उन्हें कश्मीर के अनुभव का आनंद लेते हुए दिखाया गया है। वीडियो में मंजूनाथ और उनकी पत्‍नी कहते हैं, मैं मंजूनाथ शिवमोगा कर्नाटक से। अब हमारा कश्‍मीर टूर का दूसरा दिन है। कल हम बोट हाउस में ठहरे थे और बोट हाउस बहुत ही अच्‍छा था। अब हम कश्‍मीर में शिकारा राइड कर रहे हैं और शिकारा राइड करवा रहे हैं मोहम्‍मद रफीक जी। ये मंजूनाथ का आखिरी मैसेज था, इसके बाद आतंकवादियों ने उन्हें घेरकर उनकी हिंदू पहचान पूछकर उन्हें मार गिराया। इनकी पत्नी का कहना है कि जब उन्होंने कहा कि मुझे भी मार डालो, मेरे पति को मार दिया तो आतंकियों ने जवाब में उनसे कहा कि हम आपको नहीं मारेंगे जाओ और जाकर मोदी से इसके बारे में बताओ। ये एक तरह का क्लीयर मैसेज है। आतंकवादी किस तरह से दहशत फैलाना चाहते हैं। हिंदू मुस्लिम फसाद और फैलाना चाहते हैं।  

25 साल में पहला टारगेटेड अटैक 

जम्मू कश्मीर का आतंकवाद से रिश्ता कोई नया तो नहीं है, काफी पुराना है। लेकिन 22 अप्रैल को जो पहलगाम में हुआ उससे एक नया अध्याय एक नया चैप्टर इस लंबे इतिहास में जुड़ जाता है और वो है कि अब सिविलियन्स और टूरिस्ट तक को बख्शा नहीं जा रहा है। लोग काफी सरप्राइज हैं कि जिस बर्बरता से टूरिस्ट को इस बार टारगेट किया गया वो काफी नया है। लेकिन जो हमने रिसर्च करके देखा तो पाया कि 25 साल में ऐसा टारगेटेड अटैक जम्मू कश्मीर में सिविलियन्स के ऊपर नहीं देखने को मिला है। 2001 में जम्मू कश्मीर की स्टेट लेजिस्लेचर पर अटैक के दौरान सिविलियन्स मारे गए थे। 2006 में डोडा पर अटैक के दौरान 25 के करीब लोग मारे गए थे। अभी हम 28 की बात कर रहे हैं जो पहलगाम में हुए। 2017 में अमरनाथ यात्रा के दौरान हमले में 8 लोग मारे गए थे। लेकिन ये एक नया अध्याय इसलिए जुड़ रहा है कि अभी तक के आंकड़ों के अनुसार 28 मृतकों की संख्या है। सोचिए क्या दहशत फैली होगी उस समय जब टूरिस्ट आराम से टूरिज्म कर रहे थे। हॉर्स राइडिंग कर रहे थे और भारत का जन्नत कहे जाने वाले प्रदेश का आनंद ले रहे थे। 

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पाकिस्तान हमले से कनेक्शन को बिना क्षण रहते सफाई देने में लगा

पाकिस्तान इस चीज पर रोना धोना शुरू कर चुका है। वो इस हमले से खुद का पल्ला झाड़ रहा है।  पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगाम हमले से पाकिस्तान का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के अंदर कई संगठन हैं। उनमें घरेलू स्तर पर विद्रोह है। एक-दो नहीं, बल्कि दर्जनों। इसके पीछे की वजह है कि पाकिस्तान ये अच्छी तरह से समझ गया है कि अगर वो सीधे सीधे आतंकी घटना में संलिप्ता स्वीकरता है या उसके ग्रुप्स इसकी स्वीकरता लेते हैं तो वे फिर से एफएटीएफ में आ जाएंगे। ये वो बला है जिससे पाकिस्तान बहुत सालों से जूझता आया है। पाकिस्तान वैसे भी कटोरा लेकर घूमता रहता है। एफएटीएफ से 2022 में ग्रे लिस्ट से निकाला गया है। नहीं तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की और भी ज्यादा बेइज्जती हुई। 

पाकिस्तान का हाईब्रेड वॉरफेयर 

टू ब्लीड इंडिया बाई थाउजेंड कट्स दशकों से पाकिस्तान ने इसी सिद्धांत के हिस्से के रूप में भारत को आतंक का निर्यात किया है। कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने एक हाईब्रेड वारफेयर डेवलप किया है। लश्कर ए तैयबा या जैश ए मोहम्मद जैसे संगठनों ने किया है बल्कि ये एक लोकल टेरर अटैक है। इसे एक लोकल टेरर अटैक दिखाने की कोशिश हो रही है। टीआरएफ ने इसकी जिम्मेदारी लेने की बात की है। लेकिन इसे लोकल टेरर अटैक इसलिए नहीं कहा जा सकता है क्योंकि अगर आपने जम्मू कश्मीर के इतिहास को पढ़ा है और लड़कर लेंगे आजादी वाले आतंकी भी टूरिस्ट को अमूमन अटैक करने से परहेज करते आए हैं। 

पर्यटकों को निशाना नहीं बनाते थे लोकल आतंकी

90% आतंकी पाकिस्तान से आते हैं। पहले लोकल लड़के भी रहते थे, जो पर्यटकों को निशाना नहीं बनाते थे। लेकिन अब विदेशी आतंकी हैं, जिन्हें कश्मीरियों से कोई हमदर्दी नहीं है। इस हमले का मकसद भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर दिखाना था। पाकिस्तान चाहता है कि दुनिया को लगे कि भारत अपने ही देश में पर्यटकों की सुरक्षा नहीं कर सकता। यह हमला ऐसे समय में हुआ जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत दौरे पर हैं। इससे साफ है कि पाकिस्तान ने जानबूझकर इस समय को चुना ताकि भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। इस हमले के पीछे एक और मकसद था- देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना। पाकिस्तान चाहता है कि भारत में हिंदू और मुस्लिमों के बीच दरार पैदा हो। इसके लिए वह उस जगह हुआ जहां पर्यटक खाना खा रहे थे। यानी यह कोई जंगल या दूर-दराज का इलाका नहीं था। इससे साफ है कि हमलावरों को लोकल मदद मिली होगी। पाकिस्तान कश्मीर को अपने एजेंडे का केंद्र बनाकर भारत को अस्थिर करना चाहता है। ओवरग्राउंड वर्कर्स के जरिए आतंक फैलाना और पर्यटन को खत्म करना उसका मकसद है। अभी जो आतंकी हमला हुआ है, इससे उबरने में कश्मीर को कई साल लग जाएंगे। मई-जून में जिन लोगों ने कश्मीर घूमने का प्लान बनाया था, उनमें से ज्यादातर ने बुकिंग कैंसिल करनी शुरू कर दी है। इससे न केवल स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी, बल्कि घाटी के आर्थिक हालात पर भी असर पड़ेगा। 

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