भगवान बुद्ध का जिक्र, दक्षिण चीन सागर में आचार संहिता पर भारत का पक्ष, लाओस में राजनाथ सिंह ने जानें क्या कहा?

Rajnath Singh
Rajnath Singh
अभिनय आकाश । Nov 21 2024 12:20PM

राजनाथ सिंह ने कहा कि विश्व में ध्रुवीकरण बढ़ता जा रहा है, इसलिए समय आ गया है कि शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के बुद्ध के सिद्धांतों को और अधिक गहराई से अपनाया जाए। भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए नौवहन, उड़ान की स्वतंत्रता और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का पक्षधर है। राजनाथ सिंह ने दक्षिण चीन सागर के लिए आचार संहिता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत ऐसी आचार संहिता देखना चाहेगा जिससे राष्ट्रों के हितों पर प्रतिकूल असर नहीं पड़े। आचार संहिता पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप होनी चाहिए।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियनतियाने, लाओ पीडीआर में 11वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस में हिस्सा लिया।  लाओस में क्षेत्रीय सुरक्षा बैठक में राजनाथ सिंह ने बौद्ध धर्म का उल्लेख किया, कहा कि भारत ने हमेशा जटिल वैश्विक मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत की वकालत की है। राजनाथ सिंह ने कहा कि शांतिपूर्ण वार्ता को लेकर भारत की प्रतिबद्धता सीमा विवाद, व्यापार समझौते जैसी वैश्विक चुनौतियों के प्रति उसके दृष्टिकोण में स्पष्ट है। खुली वार्ता से विश्वास बढ़ता है और स्थायी साझेदारी की नींव पड़ती है। भारत का मानना ​​है कि वैश्विक समस्याओं का दीर्घकालिक समाधान तभी हासिल किया जा सकता है जब देश एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करें।

इसे भी पढ़ें: India-China Relation: सेना हटने के बाद पहली बार मिले भारत-चीन के रक्षा मंत्री, लाओस आसियान शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय बैठक

राजनाथ सिंह ने कहा कि विश्व में ध्रुवीकरण बढ़ता जा रहा है, इसलिए समय आ गया है कि शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के बुद्ध के सिद्धांतों को और अधिक गहराई से अपनाया जाए। भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए नौवहन, उड़ान की स्वतंत्रता और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का पक्षधर है। राजनाथ सिंह ने दक्षिण चीन सागर के लिए आचार संहिता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत ऐसी आचार संहिता देखना चाहेगा जिससे राष्ट्रों के हितों पर प्रतिकूल असर नहीं पड़े। आचार संहिता पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप होनी चाहिए। 

इसे भी पढ़ें: भारत ने वो काम कर दिखाया जो कोई देश नहीं कर सका...आखिर Mumbai में ऐसा क्यों बोले Rajnath Singh

दक्षिण चीन सागर के लिए आचार संहिता पर उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत की पृष्ठभूमि में विभिन्न देश इस संबंध में आचार संहिता की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह संहिता अंतराष्ट्रीय कानून विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून 1982 के बिल्कुल अनुरूप होनी चाहिए।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़