India-China Relation: सेना हटने के बाद पहली बार मिले भारत-चीन के रक्षा मंत्री, लाओस आसियान शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय बैठक
बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति के साथ-साथ आतंकवाद के खतरे से निपटने के तरीकों पर विचार-विमर्श होने की संभावना है। एडीएमएम-प्लस बैठक के दौरान सिंह कई भाग लेने वाले देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। भारत 1992 में आसियान का वार्ता साझेदार बना था और पहली एडीएमएम-प्लस बैठक अक्टूबर 2010 में हनोई में आयोजित की गई थी। 2017 से एडीएमएम-प्लस मंत्री क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए सालाना बैठक कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह लाओस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं, जहां वह 10 देशों के समूह आसियान और उसके कुछ वार्ता साझेदारों के समूह की बैठक में भाग ले रहे हैं। आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाओस में 11वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM Plus) के दौरान चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ द्विपक्षीय बैठक की। लेंगे। बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर विचार-विमर्श की बात कही जा रही है।
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सूत्रों ने बताया कि सिंह आसियान के रक्षा मंत्रियों की बैठक(एडीएमएम-प्लस) में क्षेत्र के सामने आने वाली प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों से निपटने पर भारत का रुख पेश कर सकते हैं। एडीएमएम-प्लस एक ऐसा मंच है जिसमें 10 देशों का समूह आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन) और उसके आठ वार्ता साझेदार भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और अमेरिका शामिल हैं। एडीएमएम-प्लस के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में लाओस इस बैठक की मेजबानी कर रहा है।
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बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति के साथ-साथ आतंकवाद के खतरे से निपटने के तरीकों पर विचार-विमर्श होने की संभावना है। एडीएमएम-प्लस बैठक के दौरान सिंह कई भाग लेने वाले देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। भारत 1992 में आसियान का वार्ता साझेदार बना था और पहली एडीएमएम-प्लस बैठक अक्टूबर 2010 में हनोई में आयोजित की गई थी। 2017 से एडीएमएम-प्लस मंत्री क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए सालाना बैठक कर रहे हैं।
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