सेक्युलरिज्म की अलंबदार ममता बनीं सरस्वती पूजा की सबसे बड़ी पैरोकार
आज पूरे देश में वसंत पंचमी मनाई जा रही है और पश्चिम बंगाल में सरस्वती पूजा को लेकर अलग ही सियासत चल रही है। टीएमसी ने आज 18 विधानसभा क्षेत्रों में 125 जगहों पर सरस्वती पूजा का आयोजन किया है। इसके साथ ही हुगली में सरस्वती पूजा के दिन झांकी निकालने की भी योजना है।
बंगाल में कहावत है बारो मास तेरो पूजा मतलब साल में महीने केवल बारह मगर बंगाल में पूजा तेरह। आज से ठीक एक साल पहले संसद का बजट सत्र चल रहा था। चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल से लोकसभा सांसद लाॅकेट चटर्जी ने ममता बनर्जी पर तृष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि बंगाल में ऐसी स्थिति है कि राज्य में सरस्वती पूजा नहीं होने दी जाती। इसके लिए मस्जिद से इजाजत लेनी होती है। यहां के हालात पाकिस्तान के समान है, जहां हिन्दुओँ को पूजा-पाठ करने की अनुमति नहीं है। लेकिन ठीक एक बरस बाद आज पूरे देश में वसंत पंचमी मनाई जा रही है और पश्चिम बंगाल में सरस्वती पूजा को लेकर अलग ही सियासत चल रही है। टीएमसी ने आज 18 विधानसभा क्षेत्रों में 125 जगहों पर सरस्वती पूजा का आयोजन किया है। इसके साथ ही हुगली में सरस्वती पूजा के दिन झांकी निकालने की भी योजना है।
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गौरतलब है कि बीजेपी के जय श्रीराम के नारों से चिढ़ जाने वाली पार्टी अब धूम-धाम से सरस्वती पूजा कर रही है। इसकी एक वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 22 फरवरी को प्रस्तावित हुगली दौरा। लेकिन सियासी जानकारों की मानें तो ये हिंदू वोटों की लड़ाई है और इसपर ममता की नजर है। दशहरे का रिश्ता प्रभु राम से भी है और देवी दुर्गा से भी। राम और दुर्गा को इस सियासी संग्राम में खड़ा कर दिया गया।
ममता बनीं पूजा की सबसे बड़ी पैरोकार
सेक्युलरिज्म की अलंबदार ममता बनर्जी पूजा की सबसे बड़ी पैरोकार बन गई। 15 फरवरी को सार्वजनिक सभा में बोलते हुए कहा कि हमें हमारी दुर्गा पूजा पर गर्व है। ये हमारा सबसे बड़े और अच्छे त्यौहारों में से एक है। आने वाले समय में हम दुर्गा पूजा को और बेहतर तरीके से मनाएंगे। 2018 में जब हमारे पर्यटन विभाग ने ये प्रोजेक्ट शुरू किया था। एक समझौते पर दस्तखत किए थे। मैं भी मौजूद थी। इसे लेकर एक स्टडी रिपोर्ट सौंपी गई है। मुझे ये बताते हुए खुशी है कि स्टडी के मुताबिक दुर्गा पूजा के दौरान क्रिएटिव इंडस्ट्री की टोटल इकानाॅमी ग्रोथ 32 हजार 377 करोड़ रु रही है। सात दिन के फेस्टिव में ये बहुत ज्यादा पैसा है।
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चुनाव अप्रैल मई तक खत्म हो जाएंगे। दुर्गा पूजा तो उसके बाद आएगी। लिहाजा ममता बनर्जी ने इंतजार को दरकिनार कर सरस्वती पूजा में ही दशहरे जैसी धूम मचा दी। एक साल पहले पश्चिम बंगाल में एक बड़ा मुद्दा सरस्वती पूजा पर रोक का हुआ था। लोकसभा में इस पूरे मामले की गूंज भी उठी थी। लेकिन इस पूरे एक साल बाद पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव अपने परवान पर है तो सरस्वती पूजा तृणमूल कांग्रेस ने शुरू की है।
ममता के चुनाव का जमकर प्रचार
सरस्वती पूजा करने के लिए टीएमसी के नेता अलग-अलग जगहों पर जा रहे हैं। इसके साथ ही वहीं पर ममता सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। झुग्गी बस्तियों में ममता की सरकार के योजनाओं का जमकर प्रचार किया जा रहा है। 125 से ज्यादा पंडालों ममता बनर्जी के लिए प्रचार का खुला मंच भी बन गए हैं। ममता के भतीजे के पोस्टर भी लगे होने की खबर है। पोस्टरों में ममता बनर्जी की जो योजनाएं थी उनका प्रचार प्रसार किया गया है।
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