एनजीटी ने अधिकारियों को नोएडा में अवैध निर्माण की अनुमति न देने का निर्देश दिया

यमुना नदी के डूब क्षेत्र में या किसी भी पर्यावरणीय मानदंडों का उल्लंघन करते हुए निर्माण जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’’ पीठ मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को करेगी।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एक अंतरिम आदेश में अधिकारियों को नोएडा में किसी भी अवैध निर्माण की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया। अधिकरण नोएडा स्थित जेपी विशटाउन में जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड द्वारा पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन करते हुए किये जा रहे कथित ‘‘बड़े बदलावों’’ से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहा था।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि वहां हरित क्षेत्र में अवैध निर्माण किया जा रहा है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अगुवाई वाली पीठ ने 21 अप्रैल को दिए गए आदेश मेंकहा कि निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि इलाका यमुना डूब क्षेत्र में स्थित है और ओखला पक्षी अभयारण्य के हिस्से के रूप में एक हरित क्षेत्र है।
पीठ ने कहा, ‘‘बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद, न तो प्रतिवादी 2 (नोएडा) और न ही प्रतिवादी 3 या परियोजना प्रस्तावक (जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड) द्वारा कोई जवाब दाखिल किया गया है।
यमुना नदी के डूब क्षेत्र में या किसी भी पर्यावरणीय मानदंडों का उल्लंघन करते हुए निर्माण जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’’ पीठ मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को करेगी।
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