Rahul को मैसेज किया पर नहीं आया कोई रिप्लाई, नीतीश-नायडू देखते रह जाएंगे! NDA को बाहर से समर्थन देकर ममता बनेंगी मोदी सरकार की किंगमेकर?
ममता बनर्जी का एक दर्द भी छलका है। उन्होंने खुद कहा कि मैंने कांग्रेस के अलावा सभी विरोधी दल के नेताओं से बात की और राहुल गांधी को भी मैसेज किया लेकिन जवाब नहीं आया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी हमसे संपर्क नहीं किया है।
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे कल शाम को क्लीयर हो गए। एक बार फिर से एनडीए को बहुमत मिला है। नरेंद्र मोदी एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। विपक्ष को इस बार 200 से ज्यादा सीटें मिली है। लेकिन वो बीजेपी की सीटें 272 से कम आई इसको लेकर कांग्रेस जश्न के मूड में है। आपको याद होगा बंगाल के चुनाव में सारी सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। लेकिन एक भी सीट हासिल नहीं हुआ। बुरी हार के बावजूद राहुल गांधी ने इसे कांग्रेस पार्टी की मॉरल विक्ट्री करार दिया था। कांग्रेस ने दावा किया कि अब विपक्ष को आवाज मिल गई और हम संघर्ष करेंगे। इसके साथ ही सरकार बनाने के दावे सोशल मीडिया की तरफ से दावे किए जा रहे हैं। इसके साथ ही नीतीश कुमार व चंद्रबाबू नायडू को साधने के लिए तरह तरह के बड़े पद के प्रलोभन डिप्टी पीएम पद तक दिए जाने की बात कही जा रही है।
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राहुल ने नहीं किया रिप्लाई
ऐसे में अगर 12 सीट वाले नीतीश को डिप्टी पीएम बनाया जाता है तो 29 सीट लाने वाली ममता दीदी को तो इस हिसाब से पीएम पद देना पड़ेगा। वहीं इंडिया गठबंधन और ममता बनर्जी का नरम-गरम वाला रिश्ता लगातार बना रहा। पहले तो कांग्रेस को 2 सीटों के लायक नहीं बताने के बाद राज्य में अकेले चुनाव लड़ने वाली टीएमसी का स्टैंड समय समय पर बदलता रहा। वहीं अब परिणाम के बाद इंडिया गठबंधन की बुलाई गई बैठक से भी ममता ने दूरी बनाई है। इसके साथ ही ममता बनर्जी का एक दर्द भी छलका है। उन्होंने खुद कहा कि मैंने कांग्रेस के अलावा सभी विरोधी दल के नेताओं से बात की और राहुल गांधी को भी मैसेज किया लेकिन जवाब नहीं आया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी हमसे संपर्क नहीं किया है।
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क्या मोदी सरकार के साथ जाएगी
इंडिया गठबंधन अपने दावे कर रही है तो बीजेपी और मोदी-शाह क्या कोई गणित नहीं लगा रहे होंगे। कहा तो ये भी जा रहा है कि बीजेपी भी अपने जुगाड़ में लगी है। जरूरत पड़ी तो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की पुरानी सहयोगी ममता बनर्जी से भी बाहर से समर्थन लिया जा सकता है। 29 सीट लाने वाली टीएमसी अगर बीजेपी को बाहर से समर्थन देकर सरकार बनवा दे और बदले में राज्य की राजनीति में बिना हस्तक्षेप अगले टर्म को सुनिश्चित करवा सकती है। इसके साथ ही टीएमसी के कई नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियों का शिकंजा है।
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